🔵 ये है, नीरजा भनोट। 5 सितंबर को इन्हें आतंकियों ने गोलियों से छलनी कर दिया था। इस बहादुर बेटी ने भारत ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'अशोक चक्र' से नवाजा तो पाक ने तमगा-ए-इन्सानियत से। भारत सरकार ने नीरजा के नाम पर डाक टिकट भी जारी किया था। मोगा के गांव घलकलां के देशभगत पार्क में उसका एकमात्र स्टेच्यू स्थापित किया गया है। वहीं पर 16 फुट लंबा जहाज बनाया गया है।
🔴 चंडीगढ़ में आज के दिन 7 सितंबर 1964 को जन्मी नीरजा भनोट को उसके जन्मदिन से दो दिन पहले 5 सितंबर 1986 के दिन आतंकियों ने गोली मार दी थी, लेकिन दम तोड़ने से पहले इस बेटी ने 360 लोगों की जानें बचाई थी। 17 घंटे तक वह आतंकियों से जूझती रही। 5 सितंबर 1986 को पाकिस्तान के कराची एयरपोर्ट पर Pan Am 73 एयरलाइंस का प्लेन हथियार बंद 4 आतंकवादियों हाईजैक कर लिया था।
🔵 आतंकवादी प्लेन को 9/11 की तरह इजराइल में किसी निर्धारित जगह पर क्रैश कराना चाहते थे। लेकिन प्लेन में मौजूद फ्लाइट अटेंडेंट नीरजा भनोट ने ऐसा नहीं होने दिया। उसने हिम्मत दिखाते हुए लोगों को बचा लिया, पर अपनी जान गंवा दी। नीरजा का बचपन मुम्बई में बीता। स्कूली शिक्षा बॉम्बे स्कॉटिश स्कूल से हुई और सेंट जेवियर्स कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री ली।
🔴 नीरजा को बचपन से ही प्लेन में बैठने और आकाश में उड़ने की इच्छा थी। नीरजा भनोट की शादी 1985 में हो गई थी, लेकिन दहेज के दबाव के कारण उनके रिश्तों में खटास आ गई। वे शादी के दो महीने बाद ही मुम्बई लौट आई थीं। 1986 में मॉडल के रूप में उन्होंने कई TV और प्रिंट ऐड करना शुरू कर दिए थे। शौक को पूरा करने के मकसद से नीरजा ने बाद में एयरलाइंस ज्वाइन कर ली।
🔵 नीरजा ने इसकी विशेष ट्रेनिंग ली कि हाईजैक के दौरान क्या करना चाहिए? तब मां ने जो कहा, उसे भी नहीं माना था नीरजा ने, बल्कि जवाब दिया था। नीरजा के इरादे स्पष्ट थे। 5 सितंबर को अमेरिकी एयरवेज का विमान पैन एम73, करीब 380 यात्री लेकर पाकिस्तान के करांची हवाई अड्डे पर पायलट का इंतजार कर रहा था। अचानक उसमें चार हथियारबंद आतंकवादी घुस गए और सभी यात्रियों को गन प्वांइट पर ले लिया।
🔴 आतंकियों ने पाक सरकार से पायलट भेजने की मांग की, ताकि वो विमान को अपने मन मुताबिक जगह पर ले जा सकें, पाक सरकार ने मना कर दिया। इससे भन्नाए आतंकियों ने विमान में बैठे अमेरिकी यात्रियों को मारने का फैसला कर लिया। वो अमेरिका के जरिए पाक सरकार पर दबाव बनाने की ताक में थे। लेकिन उन्हें नहीं पता था इसी विमान की 23 साल की अकेली पतली-दुबली फ्लाइट अटेंडेंट उन पर भारी पड़ जाएगी।
🔵 आतंकियों ने गलती से उसी भारतीय लड़की को बुला लिया और विमान में बैठे सभी यात्रियों के पासपोर्ट इकट्ठा करने को कहा। ताकि वो अमेरिकी नागरिकों को चुन-चुन कर मार सकें। लेकिन भारतीय वीरांगना ने दिन में आतंकियों की आंखों में धूल झोंक दिया। विमान में अमेरिकी यात्री बैठे हुए थे, पर एक भी आतंकियों के हवाले नहीं हुए। लड़की ने सबके पासपोर्ट छुपा लिए। यह जानकर आतंकी तिलमिला उठे।
🔴 तब आतंकी एक अंग्रेज को खींचकर विमान के गेट पर ले आए और गोली मारने की तैयारी करने लगे। लेकिन यहां भी लड़की ने अपने कार्यकुशलता का परिचय दिया और आतंकियों का ऐसा दिमाग घूमाया कि उन्होंने उस ब्रिटिश को छोड़ दिया। आतंकी और पाक सरकार में लगातार खींचातानी चलती रही। इधर 380 डरे हुए लोगों में एक अकेली भारतीय लड़की डटी रही। लड़की ने 16 घंटे हिम्मत बांधे रखी।
अचानक उसे खयाल आया कि अब विमान का ईंधन खत्म होने वाला है। ऐसा हुआ तो विमान में अंधेरा छा जाएगा और भागदौड़ मच जाएगी। जिसमें बेतहाशा खून बहेगा। लड़की ने फिर अपने भारतीय होने की पहचान दी। उसने तत्काल आतंकियों को खाने का पैकेट दिया और यात्रियों को आपातकालीन खिड़कियों के बारे में तेजी समझाया। तभी विमान का ईंधन खत्म हो गया। चारों तरफ अंधेरा छा गया।
🔴 इस बीच नीरजा ने मौका पाकर विमान के दरवाजे खोल दिए और यात्रियों ने प्लेन से नीचे कूदाना शुरू कर दिया। लेकिन इसी बीच दहशतगर्दों ने गोलियां दागना शुरू कर दी। मौका देखकर पाक कमांडो भी विमान के पास पहुंच गए। फिर दोनों तरफ से धुआंधार गोलीबारी के बीच लोग भागने लगे थे और नीरजा आतंकियों को छकाने में लगी थी। नीरजा ने आतंकियों को उलझाए रखा ताकि वो किसी को नुकसान न पहुंचा सकें और वो इसमें कामयाब भी रही।
सबके निकल जाने के बाद आखिर में जब वो विमान से निकलने लगी, तो अचानक उसे कुछ बच्चों के रोने की आवाज सुनाई दी। नीरजा ने रोते हुए बच्चों को छोड़कर भागना ठीक नहीं समझा। वो वापिस गई और बच्चों को ढूंढ निकाला। जैसे ही वह उन्हें लेकर एक आपातकालीन खिड़की ओर बढ़ी एक आतंकी उसके सामने आ खड़ा हुआ। नीरजा ने बच्चों को नीचे धकेल दिया और आतंकी ने नीरजा को गोलियों से छलनी कर दिया।
🔴 17 घंटे तक चले इस खून खराबे में अंततः 20 लोगों की जान चली गई और वो भारतीय वीरांगना भी शहीद हो गई। पाक की धरती पर ही दुनिया भर के 360 लोगों की जान बचाने वाली बहादुर बेटी नीरजा को पाकिस्तान भी सेल्यूट करता है। घटना के दो दिन बाद वो अपना 23वां जन्मदिन मनाने वाली थी। लेकिन सपने अधूरे रह गए। 2004 में इस बात का पता चला कि 5 सितंबर, 1986 में हुई उस भयावह घटना के पीछे लीबिया के चरमपंथियों का हाथ था।
बहादुर बेटी नीरजा भनोट के बलिदान को सलाम करते हुए बॉलीवुड में एक मूवी 'नीरजा' बनाई गई। इसमें नीरजा भनोट का किरदार सोनम कपूर ने निभाया। इंडस्ट्री के कई बड़े नामों समेत 200 कलाकारों ने फिल्म बनाने में सहयोग किया। मूवी को हाल ही में आईफा 2017 में बेस्ट मूवी का अवार्ड दिया गया। साथ ही मूवी को नेशनल अवार्ड से भी नवाजा गया था। नीरजा भनोट के नाम पर हर साल एक अवार्ड भी दिया जाता है।
🔴 चंडीगढ़ में आज के दिन 7 सितंबर 1964 को जन्मी नीरजा भनोट को उसके जन्मदिन से दो दिन पहले 5 सितंबर 1986 के दिन आतंकियों ने गोली मार दी थी, लेकिन दम तोड़ने से पहले इस बेटी ने 360 लोगों की जानें बचाई थी। 17 घंटे तक वह आतंकियों से जूझती रही। 5 सितंबर 1986 को पाकिस्तान के कराची एयरपोर्ट पर Pan Am 73 एयरलाइंस का प्लेन हथियार बंद 4 आतंकवादियों हाईजैक कर लिया था।
🔵 आतंकवादी प्लेन को 9/11 की तरह इजराइल में किसी निर्धारित जगह पर क्रैश कराना चाहते थे। लेकिन प्लेन में मौजूद फ्लाइट अटेंडेंट नीरजा भनोट ने ऐसा नहीं होने दिया। उसने हिम्मत दिखाते हुए लोगों को बचा लिया, पर अपनी जान गंवा दी। नीरजा का बचपन मुम्बई में बीता। स्कूली शिक्षा बॉम्बे स्कॉटिश स्कूल से हुई और सेंट जेवियर्स कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री ली।
🔴 नीरजा को बचपन से ही प्लेन में बैठने और आकाश में उड़ने की इच्छा थी। नीरजा भनोट की शादी 1985 में हो गई थी, लेकिन दहेज के दबाव के कारण उनके रिश्तों में खटास आ गई। वे शादी के दो महीने बाद ही मुम्बई लौट आई थीं। 1986 में मॉडल के रूप में उन्होंने कई TV और प्रिंट ऐड करना शुरू कर दिए थे। शौक को पूरा करने के मकसद से नीरजा ने बाद में एयरलाइंस ज्वाइन कर ली।
🔵 नीरजा ने इसकी विशेष ट्रेनिंग ली कि हाईजैक के दौरान क्या करना चाहिए? तब मां ने जो कहा, उसे भी नहीं माना था नीरजा ने, बल्कि जवाब दिया था। नीरजा के इरादे स्पष्ट थे। 5 सितंबर को अमेरिकी एयरवेज का विमान पैन एम73, करीब 380 यात्री लेकर पाकिस्तान के करांची हवाई अड्डे पर पायलट का इंतजार कर रहा था। अचानक उसमें चार हथियारबंद आतंकवादी घुस गए और सभी यात्रियों को गन प्वांइट पर ले लिया।
🔴 आतंकियों ने पाक सरकार से पायलट भेजने की मांग की, ताकि वो विमान को अपने मन मुताबिक जगह पर ले जा सकें, पाक सरकार ने मना कर दिया। इससे भन्नाए आतंकियों ने विमान में बैठे अमेरिकी यात्रियों को मारने का फैसला कर लिया। वो अमेरिका के जरिए पाक सरकार पर दबाव बनाने की ताक में थे। लेकिन उन्हें नहीं पता था इसी विमान की 23 साल की अकेली पतली-दुबली फ्लाइट अटेंडेंट उन पर भारी पड़ जाएगी।
🔵 आतंकियों ने गलती से उसी भारतीय लड़की को बुला लिया और विमान में बैठे सभी यात्रियों के पासपोर्ट इकट्ठा करने को कहा। ताकि वो अमेरिकी नागरिकों को चुन-चुन कर मार सकें। लेकिन भारतीय वीरांगना ने दिन में आतंकियों की आंखों में धूल झोंक दिया। विमान में अमेरिकी यात्री बैठे हुए थे, पर एक भी आतंकियों के हवाले नहीं हुए। लड़की ने सबके पासपोर्ट छुपा लिए। यह जानकर आतंकी तिलमिला उठे।
🔴 तब आतंकी एक अंग्रेज को खींचकर विमान के गेट पर ले आए और गोली मारने की तैयारी करने लगे। लेकिन यहां भी लड़की ने अपने कार्यकुशलता का परिचय दिया और आतंकियों का ऐसा दिमाग घूमाया कि उन्होंने उस ब्रिटिश को छोड़ दिया। आतंकी और पाक सरकार में लगातार खींचातानी चलती रही। इधर 380 डरे हुए लोगों में एक अकेली भारतीय लड़की डटी रही। लड़की ने 16 घंटे हिम्मत बांधे रखी।
अचानक उसे खयाल आया कि अब विमान का ईंधन खत्म होने वाला है। ऐसा हुआ तो विमान में अंधेरा छा जाएगा और भागदौड़ मच जाएगी। जिसमें बेतहाशा खून बहेगा। लड़की ने फिर अपने भारतीय होने की पहचान दी। उसने तत्काल आतंकियों को खाने का पैकेट दिया और यात्रियों को आपातकालीन खिड़कियों के बारे में तेजी समझाया। तभी विमान का ईंधन खत्म हो गया। चारों तरफ अंधेरा छा गया।
🔴 इस बीच नीरजा ने मौका पाकर विमान के दरवाजे खोल दिए और यात्रियों ने प्लेन से नीचे कूदाना शुरू कर दिया। लेकिन इसी बीच दहशतगर्दों ने गोलियां दागना शुरू कर दी। मौका देखकर पाक कमांडो भी विमान के पास पहुंच गए। फिर दोनों तरफ से धुआंधार गोलीबारी के बीच लोग भागने लगे थे और नीरजा आतंकियों को छकाने में लगी थी। नीरजा ने आतंकियों को उलझाए रखा ताकि वो किसी को नुकसान न पहुंचा सकें और वो इसमें कामयाब भी रही।
सबके निकल जाने के बाद आखिर में जब वो विमान से निकलने लगी, तो अचानक उसे कुछ बच्चों के रोने की आवाज सुनाई दी। नीरजा ने रोते हुए बच्चों को छोड़कर भागना ठीक नहीं समझा। वो वापिस गई और बच्चों को ढूंढ निकाला। जैसे ही वह उन्हें लेकर एक आपातकालीन खिड़की ओर बढ़ी एक आतंकी उसके सामने आ खड़ा हुआ। नीरजा ने बच्चों को नीचे धकेल दिया और आतंकी ने नीरजा को गोलियों से छलनी कर दिया।
🔴 17 घंटे तक चले इस खून खराबे में अंततः 20 लोगों की जान चली गई और वो भारतीय वीरांगना भी शहीद हो गई। पाक की धरती पर ही दुनिया भर के 360 लोगों की जान बचाने वाली बहादुर बेटी नीरजा को पाकिस्तान भी सेल्यूट करता है। घटना के दो दिन बाद वो अपना 23वां जन्मदिन मनाने वाली थी। लेकिन सपने अधूरे रह गए। 2004 में इस बात का पता चला कि 5 सितंबर, 1986 में हुई उस भयावह घटना के पीछे लीबिया के चरमपंथियों का हाथ था।
बहादुर बेटी नीरजा भनोट के बलिदान को सलाम करते हुए बॉलीवुड में एक मूवी 'नीरजा' बनाई गई। इसमें नीरजा भनोट का किरदार सोनम कपूर ने निभाया। इंडस्ट्री के कई बड़े नामों समेत 200 कलाकारों ने फिल्म बनाने में सहयोग किया। मूवी को हाल ही में आईफा 2017 में बेस्ट मूवी का अवार्ड दिया गया। साथ ही मूवी को नेशनल अवार्ड से भी नवाजा गया था। नीरजा भनोट के नाम पर हर साल एक अवार्ड भी दिया जाता है।