🔷 एक धनी व्यक्ति किसी फकीर के पास गया और कहने लगा कि, 'मैं प्रार्थना करना चाहता हूं, लेकिन तमान कोशिशों के बावजूद प्रार्थना नहीं होती। वासना बनी रहती है। चाहे जितना आंख बंद कर लूं लेकिन परमात्मा के दर्शन नहीं होते।' इसीलिए आप बताइए कि मैं क्या करूं? क्या कारण है इसका?
🔶 फकीर उस धनी को एक खिड़की के पास ले गया जिसमें कांच लगे हुए थे। उसके पार वृक्ष, बादल और सूरज सभी का दर्शन संभव था। फकीर उसे फिर दूसरी खिड़की पर ले गया। जिसमें चांदी की चमकीली परत लगी हुई थी। यहां लाकर फकीर ने धनी व्यक्ति ने पूछा, चांदी की चमकीली परत और कांच में कुछ में तुम क्या अंतर पाते हो ?
🔷 धनी ने बताया चमकीली परत पर सिवाय खुद की शक्ल के कुछ भी दिखाई नहीं पड़ता। बाहर की दुनिया तो एक सिरे से गायब है।
🔶 फकीर ने समझाया, 'जिस चमकीली परत के कारण तुमको सिर्फ अपनी शक्ल दिखाई दे रही है वह तुम्हारे मन के चारों तरफ भी है। इसीलिए तुम ध्यान में जिधर भी देखते हो केवल खुद को ही देखते हो। जब तक तुम्हारे ऊपर वासना की चांदी रूपी परत है कुछ दिखाई नहीं देगा इसीलिए इस परत को हटाना होगा। अगर तुम ऐसा करते हो तो तुम्हें प्रार्थना करने में कभी कोई परेशानी नहीं होगी।
🔶 फकीर उस धनी को एक खिड़की के पास ले गया जिसमें कांच लगे हुए थे। उसके पार वृक्ष, बादल और सूरज सभी का दर्शन संभव था। फकीर उसे फिर दूसरी खिड़की पर ले गया। जिसमें चांदी की चमकीली परत लगी हुई थी। यहां लाकर फकीर ने धनी व्यक्ति ने पूछा, चांदी की चमकीली परत और कांच में कुछ में तुम क्या अंतर पाते हो ?
🔷 धनी ने बताया चमकीली परत पर सिवाय खुद की शक्ल के कुछ भी दिखाई नहीं पड़ता। बाहर की दुनिया तो एक सिरे से गायब है।
🔶 फकीर ने समझाया, 'जिस चमकीली परत के कारण तुमको सिर्फ अपनी शक्ल दिखाई दे रही है वह तुम्हारे मन के चारों तरफ भी है। इसीलिए तुम ध्यान में जिधर भी देखते हो केवल खुद को ही देखते हो। जब तक तुम्हारे ऊपर वासना की चांदी रूपी परत है कुछ दिखाई नहीं देगा इसीलिए इस परत को हटाना होगा। अगर तुम ऐसा करते हो तो तुम्हें प्रार्थना करने में कभी कोई परेशानी नहीं होगी।