रविवार, 31 दिसंबर 2023

👉 अहिंसा

अहिंसा एक रहस्यमय शब्द है, जिसे कम ही लोग समझते हैं। अधिकतर लोग यही मानते हैं कि शरीर से किसी की पिटाई मत करो, किसी को घायल मत करो, किसी की जान मत लो, यह अहिंसा है। अहिंसा का यह अर्थ तो प्रसिद्ध है ही। परंतु यह अधूरा अर्थ है। यह तो शारीरिक अहिंसा हुई।

इसके अतिरिक्त, यदि किसी निर्दोष व्यक्ति पर आप कठोर भाषा बोलते हैं, उसकी खिल्ली उड़ाते हैं, उस पर व्यंग्य कसते हैं, उसको व्यर्थ में अपमानित करते हैं, उसे छोटा सिद्ध करने की कोशिश करते हैं, तो यह भी हिंसा है। यह वाणी के द्वारा की गई हिंसा है। इसी प्रकार से दूसरों के प्रति मन में बुरी भावना रखना, यह भी हिंसा है। यह मानसिक स्तर की हिंसा है। जैसे कि कोई व्यक्ति मन में ऐसा सोचे, कि हे भगवान! मेरे पड़ोसी की टांग टूट जाए। इस का मकान गिर जाए, इसके गोदाम में आग लग जाए, इसका बेटा दुर्घटना में मर जाए, यह व्यक्ति न्यायालय में मुकद्दमा हार जाए, इत्यादि। इस प्रकार का अनिष्ट चिंतन मानसिक हिंसा कहलाती है। तो यह तीन प्रकार की हिंसा हुई शारीरिक, वाचनिक और मानसिक।

इन तीनों प्रकार की हिंसा को न करना, किसी पर शरीर से अन्याय न करना, वाणी से भी निर्दोष को न डाँटना, मन में भी किसी का बुरा ना सोचना, यह पूर्ण अहिंसा कहलाती है। जो अहिंसा का पालन करता है, वह सदा प्रसन्न रहता है। उसे ईश्वर का आशीर्वाद मिलता है। हां, यदि कोई आपके ऊपर आक्रमण करे, तो आप अपनी रक्षा अवश्य करें। यदि आप अपनी रक्षा नहीं करते और व्यर्थ में दूसरों से पिटते रहते हैं, तो यह अहिंसा नहीं है।

स्वामी विवेकानंद

All World Gayatri Pariwar Official  Social Media Platform

*शांतिकुंज हरिद्वार के ऑफिशल व्हाट्सएप चैनल *awgpofficial Channel* को Follow करे*  
https://whatsapp.com/channel/0029VaBQpZm6hENhqlhg453J

Shantikunj Official WhatsApp Number

8439014110 शांतिकुंज की गतिविधियों से जुड़ने के लिए 8439014110 पर अपना नाम लिख कर WhatsApp करें

Official Facebook Page
Official Twitter

Official Instagram

Youtube Channel Rishi Chintan

Youtube Channel Shantikunjvideo

👉 आत्मचिंतन के क्षण Aatmchintan Ke Kshan 31 Dec 2023

अनेक प्रकार के मन होते हैं। विचारने की शैली अनेक प्रकार की हुआ करती है विचारने के भिन्न-भिन्न दृष्टिकोण हुआ करते हैं। अतएव हर एक दृष्टिकोण निर्दोष है, लोगों के मत के अनुकूल बनो। उनके मत को भी ध्यान तथा सहानुभूति पूर्वक देखो और उसका आदर करो। अपने अहंकार चक्र के क्षुद्र केन्द्र से बाहर निकलो और अपनी दृष्टि को विस्तृत करो। अपना मत सर्वग्राही और उदार बना सब के मत के लिए स्थान रखो। तभी आपका जीवन विस्तृत और हृदय उदार होगा। आपको धीरे-धीरे मधुर और नम्र होकर बातचीत करनी चाहिए। मितभाषी बनो।

अवाँछनीय विचारों और सम्वेदनाओं को निकाल दो। अभिमान या चिड़चिड़ेपन को लेश मात्र भी बाकी नहीं रहने दो। अपने आपको बिल्कुल भुला दो। अपने व्यक्तित्व का भी अंश या भाव न रहने पावे। सेवा कार्य के लिए पूर्ण आत्मसमर्पण की आवश्यकता है यदि आप में उपरोक्त सद्गुण मौजूद हैं तो आप संसार के लिये पथ प्रदर्शक और अमूल्य प्रसाद रूप हो। आप एक अलौकिक सुगन्धित पुष्प हो जिसकी सुगन्ध देश भर में व्याप्त हो जायेगी। आपने बुद्धत्व की उच्चतम अवस्था को प्राप्त कर लिया।

नम्र, दयालु, उपकारी और सहायक बनो। यही नहीं कि कभी-कभी यथावकाश इन गुणों का उपयोग किया जावे बल्कि सर्व काल में आपके सारे जीवन में इन्हीं गुणों का अभ्यास होना चाहिये। एक भी शब्द ऐसा मत कहो जिससे दूसरों को ठेस पहुँचे। बोलने से पहले भली प्रकार विचार करो और देख लो कि जो कुछ आप कहने लगे हो वह दूसरों के चित्त को दुखी तो नहीं करेगा-क्या वह बुद्धिसंगत मधुर सत्य तथा प्रिय तो है। पहले से ही ध्यानपूर्वक समझ लो कि आपके विचार शब्दों और कार्यों का क्या प्रभाव होगा। प्रारम्भ में आप कई बार भले ही असफल हो सकते हो परंतु यदि आप अभ्यास करते रहे तो अंतः में आप अवश्य सफल हो जाओगे।
                                        
✍🏻 पं श्रीराम शर्मा आचार्य

All World Gayatri Pariwar Official  Social Media Platform

*शांतिकुंज हरिद्वार के ऑफिशल व्हाट्सएप चैनल *awgpofficial Channel* को Follow करे*  
https://whatsapp.com/channel/0029VaBQpZm6hENhqlhg453J

Shantikunj Official WhatsApp Number

8439014110 शांतिकुंज की गतिविधियों से जुड़ने के लिए 8439014110 पर अपना नाम लिख कर WhatsApp करें

Official Facebook Page
Official Twitter

Official Instagram

Youtube Channel Rishi Chintan

Youtube Channel Shantikunjvideo

👉 प्रेरणादायक प्रसंग 30 Sep 2024

All World Gayatri Pariwar Official  Social Media Platform > 👉 शांतिकुंज हरिद्वार के प्रेरणादायक वीडियो देखने के लिए Youtube Channel `S...