मित्रो! भावनाओं से भरी हुई, भावनाओं से रंगी हुई जब कभी भी आपकी जिंदगी होगी, तब रामकृष्ण परमहंस की तरह से आपको सर्वत्र काली नजर आयेगी। मीरा की तरह से एक छोटे वाले पत्थर में आपको भगवान नजर आयेगा तब मीरा दस बारह साल की एक छोटी बच्ची थी। एक बाबा जी आये थे। उससे उसने कहा कि हमको भगवान् के दर्शन करा दीजिए। मीरा ने कहा कि भगवान् मिलेगा? महात्मा जी ने कहा कि हाँ, मिल जायेगा। तो हमको भी दर्शन करा दीजिए।
बाबा जी ने अपने झोले में से पत्थर का एक बड़ा सा टुकड़ा निकाला, जो हाथ से छेनी द्वारा तराशा गया था। ऐसा भी चिकना नहीं था, जैसी कि मूर्तियाँ मिलती हैं। गोल सफाचट पत्थर को खोदकर मूर्ति बना दी गयी थी। बाबा जी ने वही मूर्ति मीरा के हाथ में थमा दिया। उसने कहा कि ये कौन हैं? ये तो भगवान् हैं। तो इन भगवान् को मैं क्या मानूँ? उन्होंने कहा कि जो तेरे मन में आये, मान सकती है।
मीरा ने कहा कि मेरे ब्याह शादी की जिरह चल रही है। मैं इनसे ब्याह कर लूँ तो? बाबा ने कहा कि कर लो। फिर तो वह तुम्हारा पति हो जायेगा तेरा भगवान्। बस मीरा का पति हो गया भगवान्। उस गोल वाले पत्थर के टुकड़े को लेकर गिरिधर गोपाल मानकर के मीरा जब घुँघरू पहन करके नाचती थी और जब गीत गाती थी, तो भगवान् का कलेजा गीत में बस जाता था और मीरा का हृदय गीत गाता था।
मित्रो! यह भावनाओं से भरी उपासना जब कभी भी आपके जीवन में आयेगी, तब भगवान् आयेगा और भगवान एवं भक्त दोनों तन्मय हो जायेंगे, तल्लीन हो जायेंगे।
क्रमशः जारी
बाबा जी ने अपने झोले में से पत्थर का एक बड़ा सा टुकड़ा निकाला, जो हाथ से छेनी द्वारा तराशा गया था। ऐसा भी चिकना नहीं था, जैसी कि मूर्तियाँ मिलती हैं। गोल सफाचट पत्थर को खोदकर मूर्ति बना दी गयी थी। बाबा जी ने वही मूर्ति मीरा के हाथ में थमा दिया। उसने कहा कि ये कौन हैं? ये तो भगवान् हैं। तो इन भगवान् को मैं क्या मानूँ? उन्होंने कहा कि जो तेरे मन में आये, मान सकती है।
मीरा ने कहा कि मेरे ब्याह शादी की जिरह चल रही है। मैं इनसे ब्याह कर लूँ तो? बाबा ने कहा कि कर लो। फिर तो वह तुम्हारा पति हो जायेगा तेरा भगवान्। बस मीरा का पति हो गया भगवान्। उस गोल वाले पत्थर के टुकड़े को लेकर गिरिधर गोपाल मानकर के मीरा जब घुँघरू पहन करके नाचती थी और जब गीत गाती थी, तो भगवान् का कलेजा गीत में बस जाता था और मीरा का हृदय गीत गाता था।
मित्रो! यह भावनाओं से भरी उपासना जब कभी भी आपके जीवन में आयेगी, तब भगवान् आयेगा और भगवान एवं भक्त दोनों तन्मय हो जायेंगे, तल्लीन हो जायेंगे।
क्रमशः जारी
पं श्रीराम शर्मा आचार्य
http://hindi.awgp.org/gayatri/AWGP_Offers/Literature_Life_Transforming/lectures_gurudev/44.2
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