🔶 “स्वार्थी और धनी आदमियों की समझ में न आने वाली एक सबसे रहस्यमयी गुत्थी यह है कि जहाँ उन्होंने सुख पाने की आशा की थी, वहाँ उन्हें सुख क्यों नहीं मिला? धन-दौलत पैदा कर लेने वाले लोगों के सामने जो सबसे बड़ी निराशा आई हैं, वह यह है कि अपनी दौलत से उन्हें जिस सुख की आशा थी, वह या उससे मिलती -जुलती चीज भी उन्हें नहीं मिली। वे देखते है कि भौतिक वस्तुओं से भावनाओं की संतुष्टि नहीं होती, और बड़ी से बड़ी सुख सामग्री के बीच भी हृदय भूखा रहता है। वे देखते है कि धन बहुत से कार्य कर सकता है, पर हृदय की लालसा और हृदय की भूख को तृप्त करने की इसमें कुछ भी शक्ति नहीं हैं। मैं अपनी मेहनत से ऊँचे उठे हुए एक आदमी को जानता हूँ जिसने बड़ी दौलत कमाई थी। उसने मुझे बताया कि मेरे जीवन की सबसे बड़ी पहेली और निराश यह है कि यद्यपि मैंने लाखों कमाये, पर मैं सुखी नहीं हूँ। वास्तव में कोई भी स्वार्थी जीवन कभी सुखी नहीं हो सकता।”
~ स्वेट मार्डन
~ स्वेट मार्डन