लोग कहें कि तुम्हारे गुरु से बड़ा कोई ज्ञानी है, तो मान लेना। यदि कोई कहे कि तुम्हारे गुरु से बड़ा कोई दूसरा तपस्वी और सिद्ध-समर्थ हैं, तो भी मान लेना; पर यदि कोई कहे कि तुम्हारे गुरु से ज्यादा प्यार करने वाला है, तो कभी मत मानना। मेरा प्यार तुम लोगों के साथ हमेशा रहेगा, मेरे शरीर के रहने पर और शरीर के न रहने के बाद भी।
यदि ढीले मन के, अस्थिर विचारों के, अधूरे विष्वास के अपने परिजन हैं; तो वे आसानी से बहक जायेंगे। मति भ्रम में उलझकर इस युग निर्माण के अलभ्य अवसर से हाथ खींच लेंगे। कोई-कोई तो सहयोग छोड़कर विरोधी भी बन जायेंगे; किन्तु जो सच्चे परिजन होंगे, वे आड़े वक्त में काम आने वाले सच्चे मित्रों की तरह अन्त तक मोर्चे पर डटे रहेंगे।
मैं उन्हें ढूँढ़ रहा हूँ और हमेशा ही उनको ढूँढ़ता रहूँगा, जिनमें प्रकाश के लिए प्यास है। जो अपने जीवन के अधूरेपन को आनन्द से भर देना चाहते हैं। जो झूठेपन से थक और ऊब चुके हैं और सत्य को पाना चाहते हैं। जो मृत जीवन से निराश हैं और अमृत को पाना एवं पीना चाहते हैं। उन सभी को मैं आमंत्रण देता रहता हूँ, बुलावा भेजता रहता हूँ। उन्हें पुकारता और तलाशता रहता हूँ। उनके प्राणों को झकझोरता हूँ, नींद से जगाता हूँ। उनसे कहता हूँ कि अरे ! तुम इस कदर परेशान क्यों हो? मैं तुम्हें निमंत्रित करता हूँ आलोक के लिए, आनन्द के लिए और अमृत के लिए। मेरे इस निमंत्रण को स्वीकार कर लो। मैं तुम्हें वह सब कुछ अनायास ही दे दूँगा, जिसे तुम्हारी जीवात्मा जन्म-जन्मांतर से तलाश रही है।
✍🏻 पं श्रीराम शर्मा आचार्य
All World Gayatri Pariwar Official Social Media Platform
Shantikunj WhatsApp
8439014110
Official Facebook Page
Official Twitter
Official Instagram
Youtube Channel Rishi Chintan
Youtube Channel Shantikunjvideo
Official Telegram