👉 पूर्वजन्म के दुष्कर्मों का परिमार्जन जरूरी
आध्यात्मिक चिकित्सा के इस सिद्धान्त को कई आधुनिक मनोचिकित्सकों ने स्वीकारा है। इन्हीं में से एक डॉ. ब्रायन वीज़ हैं। जो अमेरिका में फ्लोरिडा क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले मियामी शहर में मनोचिकित्सा कर रहे हैं। डॉ. वीज़ ने अपने चिकित्सा कार्य में कई बार पाया कि रोगी के दुःख द्वन्द्व के कारण उसके व्यक्तित्व की अतल गहराइयों में है। पहले तो उन्होंने प्रचलित विधियों का प्रयोग करके तह तक जाने की कोशिश की। पर उन्हें कोई खास सफलता न लगी। हां उन्हें इतना जरूर अहसास हुआ कि अभी ज्यादा गहरे उत्खनन की जरूरत है। और उन्होंने नयी विधियों की खोज करके अपने रोगी के पिछले जीवन में झांकने की कोशिश की। इस कोशिश ने उन्हें न केवल सफल बनाया, बल्कि इस तरह वे पूर्वजन्म की वैज्ञानिकता को जानने में सफल रहे।
डॉ. वीज़ ने अपने इन प्रायोगिक निष्कर्षों को अलग- अलग ढंग से पुस्तकों में प्रकाशित किया। इन पुस्तकों में ‘मैसेजेस फ्राम दि मास्टर्स, मैनी लाइव्स, मैनी मास्टर्स, ओनली लव इज़ रियल एवं थ्रू टाइम इन्टू हीङ्क्षलग’ मुख्य है। उनके इस वैज्ञानिक रचना से संसार में आध्यात्मिक चिकित्सा की हकीकत जानी- समझी एवं पढ़ी जा सकती है। साथ ही यह भी अनुभव किया जा सकता है कि किसी भी रोगी की सफल आध्यात्मिक चिकित्सा के लिए उसके पूर्वजन्म के ज्ञान का क्या महत्त्व है। डॉ. वीज़ के ये प्रायोगिक निष्कर्ष न केवल सामान्य पाठक को अभिभूत करते हैं, बल्कि इन सत्यों की जानकारी ने उन्हें स्वयं को अभिभूत कर दिया है। इसी का सुखद परिणाम है कि मनोचिकित्सक के रूप में अपने व्यवसाय का प्रारम्भ करने वाले डॉ. ब्रायन वीज़ आज स्वयं को आध्यात्मिक चिकित्सक कहलाने में गर्व महसूस करते हैं।
डॉ. वीज़ के इस सच को भगवद्भूमि भारत ने युग- युगान्तर से अनुभव किया है। योगेश्वर श्रीकृष्ण ने भगवद्गीता में इस सत्य को बताते हुए कहा है-
बहूनि मे व्यतीतानि जन्मानि तव चार्जुन।
तान्यहं वेद सर्वाणि न त्वं वैत्थ परंतप॥
हे परंतप अर्जुन! मेरे और तेरे बहुत से जन्म हो चुके हैं। उन सबको तू नहीं जानता, किन्तु मैं जानता हूँ।
यह जानना किसी आध्यात्मिक चिकित्सक की योग्यता को प्रामाणित करता है। यदि किसी में यह योग्यता नहीं है तो उसकी आध्यात्मिक चिकित्सा भी उसी की तरह अधूरी एवं अप्रामाणिक रहेगी।
.... क्रमशः जारी
✍🏻 डॉ. प्रणव पण्ड्या
📖 आध्यात्मिक चिकित्सा एक समग्र उपचार पद्धति
आध्यात्मिक चिकित्सा के इस सिद्धान्त को कई आधुनिक मनोचिकित्सकों ने स्वीकारा है। इन्हीं में से एक डॉ. ब्रायन वीज़ हैं। जो अमेरिका में फ्लोरिडा क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले मियामी शहर में मनोचिकित्सा कर रहे हैं। डॉ. वीज़ ने अपने चिकित्सा कार्य में कई बार पाया कि रोगी के दुःख द्वन्द्व के कारण उसके व्यक्तित्व की अतल गहराइयों में है। पहले तो उन्होंने प्रचलित विधियों का प्रयोग करके तह तक जाने की कोशिश की। पर उन्हें कोई खास सफलता न लगी। हां उन्हें इतना जरूर अहसास हुआ कि अभी ज्यादा गहरे उत्खनन की जरूरत है। और उन्होंने नयी विधियों की खोज करके अपने रोगी के पिछले जीवन में झांकने की कोशिश की। इस कोशिश ने उन्हें न केवल सफल बनाया, बल्कि इस तरह वे पूर्वजन्म की वैज्ञानिकता को जानने में सफल रहे।
डॉ. वीज़ ने अपने इन प्रायोगिक निष्कर्षों को अलग- अलग ढंग से पुस्तकों में प्रकाशित किया। इन पुस्तकों में ‘मैसेजेस फ्राम दि मास्टर्स, मैनी लाइव्स, मैनी मास्टर्स, ओनली लव इज़ रियल एवं थ्रू टाइम इन्टू हीङ्क्षलग’ मुख्य है। उनके इस वैज्ञानिक रचना से संसार में आध्यात्मिक चिकित्सा की हकीकत जानी- समझी एवं पढ़ी जा सकती है। साथ ही यह भी अनुभव किया जा सकता है कि किसी भी रोगी की सफल आध्यात्मिक चिकित्सा के लिए उसके पूर्वजन्म के ज्ञान का क्या महत्त्व है। डॉ. वीज़ के ये प्रायोगिक निष्कर्ष न केवल सामान्य पाठक को अभिभूत करते हैं, बल्कि इन सत्यों की जानकारी ने उन्हें स्वयं को अभिभूत कर दिया है। इसी का सुखद परिणाम है कि मनोचिकित्सक के रूप में अपने व्यवसाय का प्रारम्भ करने वाले डॉ. ब्रायन वीज़ आज स्वयं को आध्यात्मिक चिकित्सक कहलाने में गर्व महसूस करते हैं।
डॉ. वीज़ के इस सच को भगवद्भूमि भारत ने युग- युगान्तर से अनुभव किया है। योगेश्वर श्रीकृष्ण ने भगवद्गीता में इस सत्य को बताते हुए कहा है-
बहूनि मे व्यतीतानि जन्मानि तव चार्जुन।
तान्यहं वेद सर्वाणि न त्वं वैत्थ परंतप॥
हे परंतप अर्जुन! मेरे और तेरे बहुत से जन्म हो चुके हैं। उन सबको तू नहीं जानता, किन्तु मैं जानता हूँ।
यह जानना किसी आध्यात्मिक चिकित्सक की योग्यता को प्रामाणित करता है। यदि किसी में यह योग्यता नहीं है तो उसकी आध्यात्मिक चिकित्सा भी उसी की तरह अधूरी एवं अप्रामाणिक रहेगी।
.... क्रमशः जारी
✍🏻 डॉ. प्रणव पण्ड्या
📖 आध्यात्मिक चिकित्सा एक समग्र उपचार पद्धति