🔶 एक बार गुरु नानक देव जी से किसी ने पूछा कि गुरु के दर्शन करने से क्या लाभ होता है? गुरु जी ने कहा कि इस रास्ते पर चला जा, जो भी सब से पहले मिले उस से पूछ लेना। वह व्यक्ति उस रास्ते पर गया तो उसे सब से पहले एक कौवा मिला, उसने कौवे से पूछा कि गुरु के दर्शन करने से क्या होता है?
उसके यह पूछते ही वह कौवा मर गया....
🔷 वह व्यक्ति वापिस गुरु जी के पास आया और सब हाल बताया... अब गुरु ने कहा कि फलाने घर में एक गाय ने एक बछड़ा दिया है, उससे जाकर यह सवाल पूछो, वह आदमी वहां पहुंचा और बछड़े के आगे यही सवाल किया तो वह भी मर गया.....
🔶 वह आदमी भागा भागा गुरु जी के पास आया और सब बताया... अब गुरु जी ने कहा कि फलाने घर में जा, वहां एक बच्चा पैदा हुआ है, उस से यही सवाल करना...
वह आदमी बोला के वह बच्चा भी मर गया तो? गुरु जी ने कहा कि तेरे सवाल का जवाब वही देगा...
🔷 अब वह आदमी उस घर में गया और जब बच्चे के पास कोई ना था तो उसने पूछा कि गुरु के दर्शन करने से क्या लाभ होता है?
वह बच्चा बोला कि मैंने खुद तो नहीं किये लेकिन तू जब पहली बार गुरु जी के दर्शन करके मेरे पास आया तो मुझे कौवे की योनी से मुक्ति मिली और बछड़े का जन्म मिला....
तू दूसरी बार गुरु के दर्शन करके मेरे पास आया तो मुझे बछड़े से इंसान का जन्म मिला....
🔶 सो इतना बड़ा हो सकता है गुरु के दर्शन करने का फल, फिर चाहे वो दर्शन आंतरिक हो या बाहरी......
ऐ सतगुरू मेरे...
नज़रों को कुछ ऐसी खुदाई दे...
जिधर देखूँ उधर तू ही दिखाई दे...
कर दे ऐसी कृपा आज इस दास पे कि...
जब भी बैठूँ सिमरन में...
सतगुरू तू ही दिखाई दे...!
उसके यह पूछते ही वह कौवा मर गया....
🔷 वह व्यक्ति वापिस गुरु जी के पास आया और सब हाल बताया... अब गुरु ने कहा कि फलाने घर में एक गाय ने एक बछड़ा दिया है, उससे जाकर यह सवाल पूछो, वह आदमी वहां पहुंचा और बछड़े के आगे यही सवाल किया तो वह भी मर गया.....
🔶 वह आदमी भागा भागा गुरु जी के पास आया और सब बताया... अब गुरु जी ने कहा कि फलाने घर में जा, वहां एक बच्चा पैदा हुआ है, उस से यही सवाल करना...
वह आदमी बोला के वह बच्चा भी मर गया तो? गुरु जी ने कहा कि तेरे सवाल का जवाब वही देगा...
🔷 अब वह आदमी उस घर में गया और जब बच्चे के पास कोई ना था तो उसने पूछा कि गुरु के दर्शन करने से क्या लाभ होता है?
वह बच्चा बोला कि मैंने खुद तो नहीं किये लेकिन तू जब पहली बार गुरु जी के दर्शन करके मेरे पास आया तो मुझे कौवे की योनी से मुक्ति मिली और बछड़े का जन्म मिला....
तू दूसरी बार गुरु के दर्शन करके मेरे पास आया तो मुझे बछड़े से इंसान का जन्म मिला....
🔶 सो इतना बड़ा हो सकता है गुरु के दर्शन करने का फल, फिर चाहे वो दर्शन आंतरिक हो या बाहरी......
ऐ सतगुरू मेरे...
नज़रों को कुछ ऐसी खुदाई दे...
जिधर देखूँ उधर तू ही दिखाई दे...
कर दे ऐसी कृपा आज इस दास पे कि...
जब भी बैठूँ सिमरन में...
सतगुरू तू ही दिखाई दे...!