बुधवार, 17 फ़रवरी 2016

👉 शिष्य संजीवनी (भाग 4)

सबसे पहले शिष्य अपनी महत्त्वाकांक्षा छोड़े

शिष्य संजीवनी शिष्यों के लिए प्राणदायिनी औषधि है। इसका प्रत्येक सूत्र केवल उनके लिए है, जिनके हृदय में शिष्य होने की सच्ची चाहत है। जो सद्गुरु के प्रति सर्वस्व समर्पण में अपनी पहचान खोजना चाहते हैं। ध्यान रहे शिष्य का अर्थ है, जो सीखने के लिए राजी है, जो झुकने को तैयार है। जिसके लिए ज्ञान, अहंकार से कहीं ज्यादा मूल्यवान है। जो इस भावदशा में जीता है कि मैं शिष्यत्व की साधना के लिए सब कुछ खोने के लिए तैयार हूँ। मैं अपने आप को भी देने के लिए तैयार हूँ। शिष्यत्व का अर्थ है- एक गहन विनम्रता। शिष्य वही है- जो अपने को झुकाकर, स्वयं के हृदय को पात्र बना लेता है।

आप और हम कितने भी प्यासे क्यों न हों, पर बहती हुई जलधारा कभी भी छलांग लगा कर हमारे हाथों में नहीं आयेगी। इसका मतलब यह नहीं है कि जलधारा हम पर नाराज है। उल्टे वह तो हर क्षण प्रत्येक की प्यास बुझाने के लिए तत्पर है। लेकिन इसके लिए न केवल हमें झुकना होगा, बल्कि झुककर अञ्जलि बनाकर नदी का स्पर्श करना होगा। फिर तो अपने आप ही बहती जलधारा हमारे हाथों में आ जायेगी। तो ये शिष्य संजीवनी के सूत्र उनके लिए हैं, जो झुकने के लिए तैयार हैं। केवल प्यास पर्याप्त नहीं है। इसके लिए अञ्जलि बनाकर झुकना भी पड़ेगा।

जिनके मन अन्तःकरण में केवल एक ही भाव अंकुरित, पल्लवित, पुष्पित होता है कि सद्गुरु के चरणों में मैं मिट जाऊँ तो कोई हर्ज नहीं है, लेकिन जीवन का रहस्य मुझे समझ आ जाये। जो सोचते हैं कि मैं अपने सद्गुरु के चरणों की धूलि भले ही बन जाऊँ, पर उनकी कृपा से यह जान लूँ कि जिन्दगी का असल स्वाद क्या है, अर्थ क्या है? प्रयोजन क्या है? मैं क्यों हूँ और किसलिए हूँ? बस ऐसे ही सजल भाव श्रद्धा वाले शिष्यों के लिए शिष्य संजीवनी की यह सूत्र कथा है। इनमें से प्रत्येक सूत्रनवागत शिष्यों के लिए शिष्य परम्परा की महानतम विभूतियों की ओर से निर्देश वाक्य है। इसे सम्पूर्ण रूप से मानना ही शिष्यत्व साधना की गहनता में प्रवेश करना है।

क्रमशः जारी
- डॉ. प्रणव पण्डया
http://hindi.awgp.org/gayatri/AWGP_Offers/Literature_Life_Transforming/Books_Articles/Devo/all

👉 प्रेरणादायक प्रसंग 30 Sep 2024

All World Gayatri Pariwar Official  Social Media Platform > 👉 शांतिकुंज हरिद्वार के प्रेरणादायक वीडियो देखने के लिए Youtube Channel `S...