शुक्रवार, 6 दिसंबर 2019

👉 ध्यान का विहान

नए साल का सूरज ध्यान का विहान लेकर आया है। हिमालय की हिमाच्छादित पर्वतमालाओं पर होने वाला नव वर्ष का यह सूर्योदय सब भाँति अद्भुत व अपूर्व है। सम्पूर्ण विश्व को प्रकाश व प्राण देने वाले सविता देव ने हिमालय के हिम शिखरों, वहाँ के नदी-नद व घाटियों को, गहन गुफाओं को अपने स्वर्णिम प्रकाश से भर दिया है। नव वर्ष के इस सूर्य ने दुर्गम हिमालय में रहने वाले ऋषियों, तपस्वियों,-महासिद्धों को ध्यान से सबेरा दिया है। ध्यान के इस विहार में उनकी प्राण चेतना-विचार चेतना व भाव चेतना सूर्य की स्वर्णिम आभा से जगमगा उठी है।
  
ध्यान में यह विहान आपके जीवन में भी अवतरित हो सकता है। करना बस इतना है कि प्रायः सूर्योदय के समय बिस्तर पर लेटे हुए या आसन पर बैठे हुए अपनी आँखें बन्द करें। और मन की आँखों से हिमालय के इस अद्भुत सूर्योदय को निहारें। भाव यह करें कि हिमालय के हिम शिखरों में अवतरित हुई सूर्य की स्वर्णिम आभा, जिसमें हिमालय के ऋषियों, तपस्वियों व सिद्धों का तप-प्राण घुला है, आपके सिर से होकर शरीर में प्रवेश कर रहा है। आभा के इस दिव्य पुञ्ज को अपने सिर के ऊपर कुछ इस तरह अनुभव करें, जैसे कि सिर के ऊपर सूर्योदय हो गया है। और आपके सिर के ऊपर प्रकाश व प्राण की धाराएँ उड़ेल रहा हो।
  
भीतर जाती हुई प्रत्येक श्वास के साथ इस कल्पना को प्रगाढ़ करें। अपनी गहराइयों में प्रवेश करते प्रकाश को अनुभव करें। श्वास को छोड़ते हुए यह कल्पना करें कि शरीर प्राण व मन के प्रत्येक कण में समाया अंधेरा एक अंधेरी नदी के रूप में सिर से बाहर की ओर निकल रहा है। इस पूरी प्रक्रिया में श्वास के आने-जाने की गति को अति धीमी व गहरी बनाए रखें। बहुत धीरे-धीरे इस क्रम को आगे बढ़ाए। सुबह-सुबह कम से कम बीस-पच्चीस मिनट इस प्रक्रिया को पूरी करें। लगातार करते रहा जाय तो छः महीने में इसके परिणाम मिलने लगेंगे। प्राण-मन व अन्तःकरण में ध्यान का सबेरा साफ-साफ झलकने लगता है। ध्यान के इस विहार में प्राण चेतना, विचार चेतना व भाव चेतना सूर्य की स्वर्णिम आभा से जगमगाते अनुभव होते हैं।

✍🏻 डॉ. प्रणव पण्ड्या
 जीवन पथ के प्रदीप से पृष्ठ १३८

👉 प्रेरणादायक प्रसंग 30 Sep 2024

All World Gayatri Pariwar Official  Social Media Platform > 👉 शांतिकुंज हरिद्वार के प्रेरणादायक वीडियो देखने के लिए Youtube Channel `S...