🔷 गुरु बिन ज्ञान नहीं मिल पाता।
भला बुरा कुछ समझ न आता ।
माटी कंचन की कीमत भी ।
गुरु बिन समझ न आय।
गुरु बिन सत्पथ कौन दिखाय ।
🔶 दोष दुर्गुणों ने जकड़ा है।
पाप ताप ने भी पकड़ा है।
दया धरम सब भुल चुके है।
नेक करम न सुभाय।
गुरु बिन सत्पथ कौन दिखाय ।
🔷 मनुज विकल हो तडप रहा है।
अगणित कष्ट भी सबने सहा है।
दुष्ट दनुज का दंभ मिटाने ,
तुम बिन कौन सहाय ।
गुरु बिन सत्पथ कौन दिखाय ।
🔶 हे प्रभू पथ से भटक चुके है।
मंजिल तक ना पहुच सके है।
पर पीडा मे रमे सभी है।
आचरण हुए दुःखदाय।
गुरु बिन सत्पथ कौन दिखाय ।
🔷 कथनी करनी भिन्न हुआ है।
पाखंड से मन खिन्न हुआ है।
आचरण हमारे ठीक नही है।
सद्बुद्धि सबमे आए।
गुरु बिन सत्पथ कौन दिखाय ।
🔶 दरश दो प्रभू राह दिखाओ।
कष्ट हरो अब मार्ग बताओ ।
तिमिर निशा से त्राण दिलाओ।
सही राह चल पाए।
गुरु बिन सत्पथ कौन दिखाय ।
भला बुरा कुछ समझ न आता ।
माटी कंचन की कीमत भी ।
गुरु बिन समझ न आय।
गुरु बिन सत्पथ कौन दिखाय ।
🔶 दोष दुर्गुणों ने जकड़ा है।
पाप ताप ने भी पकड़ा है।
दया धरम सब भुल चुके है।
नेक करम न सुभाय।
गुरु बिन सत्पथ कौन दिखाय ।
🔷 मनुज विकल हो तडप रहा है।
अगणित कष्ट भी सबने सहा है।
दुष्ट दनुज का दंभ मिटाने ,
तुम बिन कौन सहाय ।
गुरु बिन सत्पथ कौन दिखाय ।
🔶 हे प्रभू पथ से भटक चुके है।
मंजिल तक ना पहुच सके है।
पर पीडा मे रमे सभी है।
आचरण हुए दुःखदाय।
गुरु बिन सत्पथ कौन दिखाय ।
🔷 कथनी करनी भिन्न हुआ है।
पाखंड से मन खिन्न हुआ है।
आचरण हमारे ठीक नही है।
सद्बुद्धि सबमे आए।
गुरु बिन सत्पथ कौन दिखाय ।
🔶 दरश दो प्रभू राह दिखाओ।
कष्ट हरो अब मार्ग बताओ ।
तिमिर निशा से त्राण दिलाओ।
सही राह चल पाए।
गुरु बिन सत्पथ कौन दिखाय ।