एक दिन एक लड़का समुद्र के किनारे बैठा हुआ था। उसे दूर कहीं एक जहाज लंगर डाले खड़ा दिखाई दिया। वह जहाज तक तैर कर जाने के लिए मचल उठा। तैरना तो जानता ही था, कूद पड़ा समुद्र में और जहाज तक जा पहुंचा।
उसने जहाज के कई चक्कर लगाए। विजय की खुशी और सफलता से उसका आत्मविश्वास और बढ़ गया लेकिन जैसे ही उसने वापस लौटने के लिए किनारे की तरफ देखा तो उसे निराशा होने लगी। उसे लगा कि किनारा बहुत दूर है।
वह सोचने लगा, वहां तक कैसे पहुंचेगा? हाल में मिली सफलता के बाद अब निराशा ऐसी बढ़ रही थी कि स्वयं पर अविश्वास-सा हो रहा था। जैसे-जैसे उसके मन में ऐसे विचार आते रहे, उसका शरीर शिथिल होने लगा। फुर्तीला होने के बावजूद बिना डूबे ही वह डूबता-सा महसूस करने लगा ।
लेकिन जैसे ही उसने संयत होकर अपने विचारों को निराशा से आशा की तरफ मोड़ा, क्षण भर में ही जैसे कोई चमत्कार होने लगा। उसे अपने भीतर त्वरित परिवर्तन अनुभव होने लगा। शरीर में एक नई ऊर्जा का संचार हो गया। वह तैरते हुए सोच रहा था कि किनारे तक न पहुंच पाने का मतलब है, मर जाना और किनारे तक पहुंचने का प्रयास है, डूब कर मरने से पहले का संघर्ष।
उसने जहाज के कई चक्कर लगाए। विजय की खुशी और सफलता से उसका आत्मविश्वास और बढ़ गया लेकिन जैसे ही उसने वापस लौटने के लिए किनारे की तरफ देखा तो उसे निराशा होने लगी। उसे लगा कि किनारा बहुत दूर है।
वह सोचने लगा, वहां तक कैसे पहुंचेगा? हाल में मिली सफलता के बाद अब निराशा ऐसी बढ़ रही थी कि स्वयं पर अविश्वास-सा हो रहा था। जैसे-जैसे उसके मन में ऐसे विचार आते रहे, उसका शरीर शिथिल होने लगा। फुर्तीला होने के बावजूद बिना डूबे ही वह डूबता-सा महसूस करने लगा ।
लेकिन जैसे ही उसने संयत होकर अपने विचारों को निराशा से आशा की तरफ मोड़ा, क्षण भर में ही जैसे कोई चमत्कार होने लगा। उसे अपने भीतर त्वरित परिवर्तन अनुभव होने लगा। शरीर में एक नई ऊर्जा का संचार हो गया। वह तैरते हुए सोच रहा था कि किनारे तक न पहुंच पाने का मतलब है, मर जाना और किनारे तक पहुंचने का प्रयास है, डूब कर मरने से पहले का संघर्ष।
इस सोच से जैसे उसे कोई संजीवनी ही मिल गई। उसने सोचा कि जब डूबना ही है तो फिर सफलता के लिए संघर्ष क्यों न किया जाए।
उसके भीतर के भय का स्थान विश्वास ने ले लिया। इसी संकल्प के साथ वह तैरते हुए किनारे तक पहुंचने में सफल हो गया। इस घटना ने उसे जीवन की राह में आगे चल कर भी बहुत प्रेरित किया। यही लड़का आगे चल कर विख्यात ब्रिटिश लेखक मार्क रदरफोर्ड के नाम से जाना गया।