पथरीली और रेतीली भूमि में-असह्य सूर्य ताप के बीच, पानी का घोर अभाव सहते हुए भी यह पौधे जीवित रहते और हरे-भरे बने रहते हैं। इन्हें रेगिस्तान का राजा कहा जाता है। पथरीली भूमि में दूसरे पौधे जीवित नहीं रह पाते क्योंकि वहाँ मिट्टी तो होती नहीं। पौधों के लिए आवश्यक पानी कैसे ठहरे? पानी के बिना पौधे कैसे जियें?
कैक्टस पौधों की सचेतना ऐसी है कि वे पानी के लिए जमीन पर निर्भर नहीं रहते। जब वर्षा होती है तब सीधे इन्द्र भगवान से अपनी आवश्यकता भर का पानी माँग लेते हैं और अपनी कोशिकाओं में भर लेते हैं।
प्रधानतया तो यह जल भण्डार तने में ही रहता है पर यदि उस जाति में पत्ते निकले तो उसमें भी उसी तरह की जल संग्राहक कोशिकाएं रहेंगी। यह तने पत्तियों की आवश्यकता भी स्वयं ही पूरी कर लेते हैं। सूर्य नारायण से आवश्यक प्रकाश प्राप्त करते रहने की क्षमता भी अपने में बनाये रहते हैं। तने में भरा हुआ जल भण्डार इतना प्रचुर होता है कि यदि लगातार छह वर्षों तक पानी न बरसे, इन्द्र देव रूठे रहें तो भी उनका एक तिहाई पानी ही मुश्किल से चुक पाता है।
सूर्य का ताप उनकी तरलता को भाप बना कर उड़ा न ले जाय इसके लिए उनका सुरक्षा आवरण बहुत मजबूत होता है। तनों का बाह्यावरण मोटा ही नहीं मजबूत भी होता है और उसमें ऐसे एक मार्गी छेद होते हैं जो सूर्य से प्रकाश तो ग्रहण करते हैं पर अपनी तरलता बाहर नहीं निकलने देते।
✍🏻 पं श्रीराम शर्मा आचार्य
📖 अखण्ड ज्योति मार्च 1972 पृष्ठ 55
कैक्टस पौधों की सचेतना ऐसी है कि वे पानी के लिए जमीन पर निर्भर नहीं रहते। जब वर्षा होती है तब सीधे इन्द्र भगवान से अपनी आवश्यकता भर का पानी माँग लेते हैं और अपनी कोशिकाओं में भर लेते हैं।
प्रधानतया तो यह जल भण्डार तने में ही रहता है पर यदि उस जाति में पत्ते निकले तो उसमें भी उसी तरह की जल संग्राहक कोशिकाएं रहेंगी। यह तने पत्तियों की आवश्यकता भी स्वयं ही पूरी कर लेते हैं। सूर्य नारायण से आवश्यक प्रकाश प्राप्त करते रहने की क्षमता भी अपने में बनाये रहते हैं। तने में भरा हुआ जल भण्डार इतना प्रचुर होता है कि यदि लगातार छह वर्षों तक पानी न बरसे, इन्द्र देव रूठे रहें तो भी उनका एक तिहाई पानी ही मुश्किल से चुक पाता है।
सूर्य का ताप उनकी तरलता को भाप बना कर उड़ा न ले जाय इसके लिए उनका सुरक्षा आवरण बहुत मजबूत होता है। तनों का बाह्यावरण मोटा ही नहीं मजबूत भी होता है और उसमें ऐसे एक मार्गी छेद होते हैं जो सूर्य से प्रकाश तो ग्रहण करते हैं पर अपनी तरलता बाहर नहीं निकलने देते।
✍🏻 पं श्रीराम शर्मा आचार्य
📖 अखण्ड ज्योति मार्च 1972 पृष्ठ 55
✍🏻 पं श्रीराम शर्मा आचार्य
All World Gayatri Pariwar Official Social Media Platform
Shantikunj WhatsApp
8439014110
Official Facebook Page
Official Twitter
Official Instagram
Youtube Channel Rishi Chintan
Youtube Channel Shantikunjvideo