बुधवार, 17 अगस्त 2016

👉 समाधि के सोपान (भाग 19) (In The Hours Of Meditation)


🔴 गहराई में जाओ और तुम पाओगे कि तुम शक्तिमान हो। अपने स्वभाव के अंतरतम में प्रवेश करो '' वहाँ तुम पाओगे कि तुम अपने आध्यात्मिक प्रयत्नों में खरे हो। कुछ असफलताओं से क्या होता है ? समझ लो भय और दुर्बलता भौतिक मात्र हैं। वे स्वप्न के नीड़ शरीर से ही उत्पन्न होते हैं। किन्तु तुम अपने सत्यस्वरूप में मुक्त और निर्भय हो। वत्स शक्ति के गीत गाओ! गाओ ! गाओ! तुम अमृत की संतान हो ! तुम्हारा गंतव्य सत्य है। दिन के क्षण- भंगुर अनुभव विशाल मृगतृष्णा में भ्रान्तियों के अतिरिक्त और क्या हैं ? या तो जीवन को तुच्छ समझो या उसे नकार दो। चाहे जैसे भी हो यह करो। आध्यात्मिकता का साक्षात्कार करो। उपाय चाहे विधेयात्मक हो या निषेधात्मक, सभी एक हैं।

🔵 और तब मेरी आत्मा में एक शांति का भाव उठा। एक महान शांति उदित तथा उस शांति में अक्रिय सर्वव्यापी सर्वज्ञ महाशक्ति ने हठात् स्वयं को प्रगट किया। वह एक शक्ति थी जिसने मेरी आत्मा को शक्ति दी। मन की इस चेतन अवस्था में गुरुदेव की वाणी सुनाई पड़ी और उसने कहा, समय के भीतर तथा समय के परे शाश्वत में मैं ही हूँ। शरीरी अशरीरी सभी कुछ आत्मा ही है। हृदय में सर्वदा एकत्व हैं। हृदय में सर्वदा शांति है। सतह पर के तूफान के नीचे, विविधता की लहरों के नीचे तथा इनसे उत्पन्न होने वाले सभी संघर्षों और संतापों के नीचे सत्य की अन्त: धारा प्रवाहित है।
तत् त्वम् असि !
तत् त्वम् असि !!

🌹 क्रमशः जारी
🌹 एफ. जे. अलेक्जेन्डर

👉 प्रेरणादायक प्रसंग 30 Sep 2024

All World Gayatri Pariwar Official  Social Media Platform > 👉 शांतिकुंज हरिद्वार के प्रेरणादायक वीडियो देखने के लिए Youtube Channel `S...