नींद की गोलियों की आदी हो चुकी बूढ़ी माँ नींद की गोली के लिए ज़िद कर रही थी।
बेटे की कुछ समय पहले शादी हुई थी।
बहु डॉक्टर थी। बहु सास को नींद की दवा की लत के नुक्सान के बारे में बताते हुए उन्हें गोली नहीं देने पर अड़ी थी। जब बात नहीं बनी तो सास ने गुस्सा दिखाकर नींद की गोली पाने का प्रयास किया।
अंत में अपने बेटे को आवाज़ दी।
बेटे ने आते ही कहा, 'माँ मुहं खोलो। पत्नी ने मना करने पर भी बेटे ने जेब से एक दवा का पत्ता निकाल कर एक छोटी पीली गोली माँ के मुहं में डाल दी।
पानी भी पिला दिया। गोली लेते ही आशीर्वाद देती हुई माँ सो गयी।
पत्नी ने कहा,
ऐसा नहीं करना चाहिए। पति ने दवा का पत्ता अपनी पत्नी को दे दिया। विटामिन की गोली का पत्ता देखकर पत्नी के चेहरे पर मुस्कराहट आ गयी।
धीरे से बोली
आप माँ के साथ चीटिंग करते हो।
''बचपन में माँ ने भी चीटिंग करके कई चीजें खिलाई है। पहले वो करती थीं, अब मैं बदला ले रहा हूँ।
यह कहते हुए बेटा मुस्कुराने लगा।"
बेटे की कुछ समय पहले शादी हुई थी।
बहु डॉक्टर थी। बहु सास को नींद की दवा की लत के नुक्सान के बारे में बताते हुए उन्हें गोली नहीं देने पर अड़ी थी। जब बात नहीं बनी तो सास ने गुस्सा दिखाकर नींद की गोली पाने का प्रयास किया।
अंत में अपने बेटे को आवाज़ दी।
बेटे ने आते ही कहा, 'माँ मुहं खोलो। पत्नी ने मना करने पर भी बेटे ने जेब से एक दवा का पत्ता निकाल कर एक छोटी पीली गोली माँ के मुहं में डाल दी।
पानी भी पिला दिया। गोली लेते ही आशीर्वाद देती हुई माँ सो गयी।
पत्नी ने कहा,
ऐसा नहीं करना चाहिए। पति ने दवा का पत्ता अपनी पत्नी को दे दिया। विटामिन की गोली का पत्ता देखकर पत्नी के चेहरे पर मुस्कराहट आ गयी।
धीरे से बोली
आप माँ के साथ चीटिंग करते हो।
''बचपन में माँ ने भी चीटिंग करके कई चीजें खिलाई है। पहले वो करती थीं, अब मैं बदला ले रहा हूँ।
यह कहते हुए बेटा मुस्कुराने लगा।"