संविधान निर्माता,विधि के ज्ञाता,हम सब पर उपकार किया।।
दीन, दुःखी, दलितों, पतितों को, समता का अधिकार दिया।
जय भीम राव की जय हो, जय बाबासाब की जय हो।
जय आंबेडकर की जय हो, जय बाबासाब की जय हो।।
बचपन से ही थे तेजस्वी, कार्य तुम्हारे परम ओजस्वी।
प्रतिभा के तो धनी रहे तुम,प्रखर विचारक,महामनस्वी।।
सभ्य समाज के सभ्य मनुज हों, समदर्शी संसार दिया।
संविधान निर्माता,विधि के ज्ञाता,हम सब पर उपकार किया।।
छुआ - छूत और उंच - नीच से, जीवन भर एतराज जताया।
भूख और भय से मुक्त राष्ट्र कर,अछूतों को भी ताज दिलाया।।
सुदृढ़ संविधान बनाया जो, हर वासी ने स्वीकार किया।
संविधान निर्माता,विधि के ज्ञाता,हम सब पर उपकार किया।।
सामाजिक दुर्भाव हटाने, बृहद अभियान चलाया था ।
दलितों के उत्थान के लिए, पूरा जन्म लगाया था।।
ज्ञान,शील,स्वाभिमान जगाकर, पतितों का उद्धार किया।
संविधान निर्माता,विधि के ज्ञाता,हम सब पर उपकार किया।।
भारत के तुम अमूल्य रत्न हो, कानून के निर्माता हो।
सत्य,अहिंसा,न्याय,प्रेम से, सबके भाग्य विधाता हो।।
न्याय सभी के लिए बराबर, यह सबको अधिकार दिया।
संविधान निर्माता,विधि के ज्ञाता,हम सब पर उपकार किया।।
-उमेश यादव
दीन, दुःखी, दलितों, पतितों को, समता का अधिकार दिया।
जय भीम राव की जय हो, जय बाबासाब की जय हो।
जय आंबेडकर की जय हो, जय बाबासाब की जय हो।।
बचपन से ही थे तेजस्वी, कार्य तुम्हारे परम ओजस्वी।
प्रतिभा के तो धनी रहे तुम,प्रखर विचारक,महामनस्वी।।
सभ्य समाज के सभ्य मनुज हों, समदर्शी संसार दिया।
संविधान निर्माता,विधि के ज्ञाता,हम सब पर उपकार किया।।
छुआ - छूत और उंच - नीच से, जीवन भर एतराज जताया।
भूख और भय से मुक्त राष्ट्र कर,अछूतों को भी ताज दिलाया।।
सुदृढ़ संविधान बनाया जो, हर वासी ने स्वीकार किया।
संविधान निर्माता,विधि के ज्ञाता,हम सब पर उपकार किया।।
सामाजिक दुर्भाव हटाने, बृहद अभियान चलाया था ।
दलितों के उत्थान के लिए, पूरा जन्म लगाया था।।
ज्ञान,शील,स्वाभिमान जगाकर, पतितों का उद्धार किया।
संविधान निर्माता,विधि के ज्ञाता,हम सब पर उपकार किया।।
भारत के तुम अमूल्य रत्न हो, कानून के निर्माता हो।
सत्य,अहिंसा,न्याय,प्रेम से, सबके भाग्य विधाता हो।।
न्याय सभी के लिए बराबर, यह सबको अधिकार दिया।
संविधान निर्माता,विधि के ज्ञाता,हम सब पर उपकार किया।।
-उमेश यादव