मित्रो ! मनुष्य की सामान्य शक्ति सीमित है। प्रत्येक प्राणी को भगवान ने उतना ही सामान दिया है कि वह अपने जीवन का गुजारा कर ले। कीड़े-मकोड़ों को, पशुओं को, पक्षियों को इतना ही ज्ञान, साधन, शक्ति और इन्द्रियाँ मिली हैं, ताकि वह अपना पेट भर ले और वंशवृद्धि की इच्छा पूरी करने के लिए औलाद पैदा करता रहे। लेकिन अगर आपको कुछ इससे ज्यादा जानना हो या प्राप्त करना हो, तब आपको वहाँ जाना पड़ेगा, जहाँ शक्तियों के भण्डार भरे पड़े हैं। एक जगह ऐसी है, जहाँ बहुत शक्तियाँ भरी पड़ी हैं। जहाँ सम्पत्ति का कोई ठिकाना नहीं। जहाँ समृद्धि भरी पड़ी है। सारे विश्व का मालिक भगवान है, यह सब उसी का तो सामान है।
एक सर्वशक्तिमान सत्ता है भगवान। उसके साथ अगर आप नाता जोड़ लें, तो आपकी मालदारी का कोई ठिकाना नहीं रहेगा। आप इतने सम्पन्न हो जाएँगे कि मैं कह नहीं सकता आपसे। आप बापा जलाराम के तरीके से सम्पन्न भी हो सकते हैं, आप सुदामा के तरीके से मालदार भी हो सकते हैं, विभीषण के तरीके से धनवान भी हो सकते हैं, सुग्रीव के तरीके से मुसीबतों से बचकर खोया हुआ राजपाट पा सकते हैं, आपके यहाँ नरसी मेहता के तरीके से हुण्डी भी बरस सकती है। उसके यहाँ कोई कमी नहीं है। यहाँ जो आपको बुलाया गया है, उसका एक कारण यह भी है कि आपसे कहा जाए कि आप भगवान के साथ में अपना रिश्ता जोड़ लीजिए। आप पूजा करते हैं, उपासना करते हैं, भजन करते हैं। उसका मतलब यह है कि आप इन उपायों के द्वारा अपना रिश्ता भगवान के साथ में जोड़ लें और भगवान के साथ रिश्ता जुड़ गया, तो मजा आ जाएगा। ...
✍🏻 पं श्रीराम शर्मा आचार्य