बुधवार, 31 मार्च 2021
👉 शिव बन कर ही शिव की पूजा करें
👉 Chintan Ke Kshan चिंतन के क्षण 31 March 2021
मंगलवार, 30 मार्च 2021
👉 अध्यात्म और प्रेम
👉 सद्ज्ञान की उपलब्धि मनुष्य का श्रेष्ठतम सौभाग्य
सोमवार, 29 मार्च 2021
👉 इस बार की होली ऐसी हो
जीवन में शिष्यत्व जगे, इस बार की होली ऐसी हो।
गुरुवर की प्रीति अंग लगे, करुणा मन से छलकाये,
साधक में रंग यूं चढ़े, साधना में जीवन ढल जाए,
रंगों से नही इस बार की होली, गुरुदेव की होली जैसी हो,
जीवन में शिष्यत्व जगे, इस बार की होली ऐसी हो।
घर आंगन को आओ बुहारे, मन के सब कल्मष धो डालें
आपस के सब भेद मिटा लें, प्रेम का सबको रंग लगा लें
आपस की दूरी में भी लगे, मन में दूरी ना जैसी हो,
जीवन में शिष्यत्व जगे, इस बार की होली ऐसी हो।
मीठे मीठे पकवानों सी, बोली भी मीठी हो जाये,
तेरा मेरा का भेद मिटे, सबमें अपनत्व का रंग आये
अहम भांग सा एक नशा है, अपनी हालत ना ऐसी हो
जीवन में शिष्यत्व जगे, इस बार की होली ऐसी हो।
डॉ आरती कैवर्त'रितु'
👉 आज गुरु संग की होली
द्वार मिला है गुरु का जब से, हो गया वारा न्यारा।।"
अब की होली गुरु संग की होली, रंग गई मैं गुरु रंग की होली
आई रे, आई रे इस बार, आज गुरु संग की होली।
इस रंग में जीवन रंग डाला, तन क्या हमने मन रंग डाला,
और कोई न रंग चढ़े जो, हमनें अंग अंग रंग डाला
आशीषों की बौछार, आज गुरु संग की होली।
आई रे, आई रे इस बार, आज गुरु संग की होली।1।
और कोई न रंग ही भाए, जब से गुरु के दर पे आए,
लाल गुलाबी नीले पीले, कोई भी ना रंग सुहाए,
श्रेष्ठ गुरु का प्यार, आज गुरु संग की होली।
आई रे, आई रे इस बार, आज गुरु संग की होली।2।
जन्म जन्म के कर्म सधे हैं, हम गुरु से आज मिले हैं
जन्म मरण के कितने बंधन, बरसों बाद आज कटे हैं
गुरु का है उपहार, आज गुरु संग की होली।
आई रे, आई रे इस बार, आज गुरु संग की होली।3।
डॉ आरती कैवर्त 'रितु'
रविवार, 28 मार्च 2021
👉 सबको रंग लगायेंगे
उत्साह उमंग जहाँ सोया है, उनको पुन: जगायेंगे।।
खुशियों का त्यौहार है प्यारा, झूम रहा देखो जग सारा।
अब तो आलस दूर भगाओ, इक दूजे को रंग लगाओ।।
राग द्वेष जो भी मन में है, उसको आज हटायेंगे।
रंग गुलाल लेकर निकले है, सबको रंग लगायेंगे।।
आओ मस्ती में झूम जायें, प्यार और सहकार बढ़ाएं।
कटुता का रंग फैला है जो, उसे हटा सद्भाव बढ़ाएं।।
प्रेम रंग में रंगकर सबमें, प्रेम भाव विकासायेंगे।।
रंग गुलाल लेकर निकले है, सबको रंग लगायेंगे।।
आओ रंग की नदी बहायें, अम्बर में गुलाल उड़ायें।
कलह कलुष को धोएं इसमें, रंग लगा संगी बन जाए।।
सभी चेहरे एक रूप कर, महफिल आज सजायेंगे।
रंग गुलाल लेकर निकले है, सबको रंग लगायेंगे।।
मन में नहीं कपट छल होगा, सत्य न्याय का संबल होगा।
कडवाहट की कैद हटेगी, सबका उच्च मनोबल होगा।।
मिलकर सारे एक बनेंगे, अंतर सारे मिट जायेंगे।
रंग गुलाल लेकर निकले है, सबको रंग लगायेंगे।।
थिरक रहें है पाँव हमारे, ढोल मजीरे के संग सारे।
स्नेह प्यार के रंग में भींगे, शुद्ध भाव हो रहे हमारे।।
होली कि रंगोली से ही, प्रेम मिलन कर पायेंगे ।
रंग गुलाल लेकर निकले है, सबको रंग लगायेंगे।।
उमेश यादव
👉 तेरे रंग में रंग जाए
जितना धोऊ उतना चमके, जीवन सतरंगी बन जाए।।
जहाँ जहाँ रंग मलिन हुआ है, फिर से धवल बना दो।
सूख रही भावों की नदियाँ, स्नेह प्यार से सजल बना दो।।
नहीं रहे बदरंग कहीं अब, सब पर ऐसा रंग चढ़ जाए।
हे रंगरेज रंगो कुछ ऐसा, मन तेरे रंग में रंग जाए।।
श्याम रंग क्यों डाला हमने, छवि अपनी मैली कर डाली।
प्रेम रंग अति गाढ़ा था पर, घृणा द्वेष भर उसे मिटा ली।।
रंग बदलकर भी क्या जीना, खरा रंग अंग अंग लग जाए।
हे रंगरेज रंगो कुछ ऐसा, मन तेरे रंग में रंग जाए।।
धरती,अम्बर,अवनि सबको, दिव्य रंग में रंग डाला है।
सूरज,चाँद,सितारों से, दुनियां ही अनुपम कर डाला है।।
कुछ ऐसा तू हमें भी रंग दे, तू जैसा चाहे बन जायें।
हे रंगरेज रंगो कुछ ऐसा, मन तेरे रंग में रंग जाए।।
फाग रंग अब नीरस हुआ है, हर्ष जोश का भंग चढ़ा दे।
राग द्वेष बढ़े जो मन में, उसे मिटा अब प्यार बढ़ा दे।।
अंतःकरण के दोष हटाकर, इन्द्रधनुष सा मन रंग जाए।
हे रंगरेज रंगो कुछ ऐसा, मन तेरे रंग में रंग जाए।।
तू है बड़ा रंगीला तूने, कहाँ कहाँ पर रंग नहीं डाला।
जीव जगत सब रंग में तेरे, सबको ही तूने रंग डाला।।
प्रेम रंग में रंग दे सबको, प्रेममयी जीवन बन जाए।
हे रंगरेज रंगो कुछ ऐसा, मन तेरे रंग में रंग जाए।।
उमेश यादव
शुक्रवार, 26 मार्च 2021
👉 तप से ही कल्याण होगा
सोमवार, 22 मार्च 2021
👉 Chintan Ke Kshan चिंतन के क्षण 22 March 2021
शनिवार, 20 मार्च 2021
👉 व्यभिचार की ओर आकर्षित मत होना
गुरुवार, 18 मार्च 2021
👉 Aadha Kilo Aata आधा किलो आटा
👉 हम सब परस्पर एकता के सूत्र में जुड़े हैं
👉 Chintan Ke Kshan चिंतन के क्षण 18 March 2021
सोमवार, 15 मार्च 2021
👉 Lakdi Ka Katora लकड़ी का कटोरा
👉 सौभाग्य भरे क्षणों को तिरस्कृत न करें
👉 Chintan Ke Kshan चिंतन के क्षण 15 March 2021
👉 रामकृष्ण परमहंस
रामकृष्ण परमहंस जगत को, भक्ति मार्ग दिखलाते हैं।।
माँ काली के परम भक्त थे, ईश् अंश अवतारी थे।
प्रेम, दया, करुणा, ममता, मानवता के पुजारी थे।।
हरिदर्शन को आतुर हर क्षण, ईश्वर को पा पाते हैं।
रामकृष्ण परमहंस जगत को, भक्ति मार्ग दिखलाते हैं।।
भक्ति भाव से रामकृष्ण ने, काली को साकार किया।
शुष्क हृदयों में भी गुरु ने, करुणा का संचार किया।।
ह्रदय पवित्र, मन निर्मल जन, ईश्वर दर्शन कर पाते हैं।
रामकृष्ण परमहंस जगत को, भक्ति मार्ग दिखलाते हैं।।
दरिद्र-नारायण की सेवा को, भक्ति मार्ग से जोड़ा था।
जाति-पाति और उच्च-नीच का, बंधन उनने तोड़ा था।।
सेवा पथ अपनाकर ही हम, ईश्वर से मिल पाते हैं।
रामकृष्ण परमहंस जगत को भक्ति मार्ग दिखलाते हैं।।
विद्या और अविद्या माया, का विस्तार बताया था।
गृहस्थ तपोवन है भगवन ने, जी कर स्वयं सिखाया था।।
‘कामिनी कंचन’ की बाधा से, ईश्वर मिल ना पाते हैं।।
रामकृष्ण परमहंस जगत को, भक्ति मार्ग दिखलाते हैं।।
इन्द्रिय निग्रह करके साधक, महायोगी बन पाते हैं।
धर्म सभी सच्चे होते बस, मार्ग अलग हो जाते हैं।।
ज्ञान, भक्ति, वैराग्य साधकर, बंधन मुक्त हो पाते हैं।
रामकृष्ण परमहंस जगत को, भक्ति मार्ग दिखलाते हैं।।
शनिवार, 13 मार्च 2021
👉 सँभालो जीवन की जागीर को:-
👉 शिष्ट और शालीन बनें
बुधवार, 10 मार्च 2021
👉 गुरू गोविन्दसिंह के पाँच प्यारे
👉 उपलब्धियों का सदुपयोग करना सीखें
👉 Chintan Ke Kshan चिंतन के क्षण 10 March 2021
सोमवार, 8 मार्च 2021
👉 शान्ति और सुव्यवस्था का आधार
👉 मैं नारी हूँ।
अबला कभी समझ मत लेना,ज्वाला हूँ,चिंगारी हूँ मैं ।।
कल्याणी, भवानी, सीता भी मैं,गायत्री गंगा गीता भी मैं।
माँ हूँ तो कन्या भी हूँ मैं, भगिनी,बहु,परिणीता भी मैं।।
मुझको डरना मत सिखलाना, मैं दुर्गा हूँ, काली हूँ मैं।
अबला कभी समझ मत लेना, ज्वाला हूँ,चिंगारी हूँ मैं।।
वसुंधरा सी सहिष्णुता और सागर की गहराई मुझमें।
सृष्टि चक्र की धुरी हूँ मैं, जीवन मूल समायी मुझमें।।
प्रलय के झंझावातों में भी, शीतलता हूँ,फुलवारी हूँ मैं।
अबला कभी समझ मत लेना, ज्वाला हूँ,चिंगारी हूँ मैं।।
मरू का निर्झर, शांत प्रखर,उन्मुक्त प्रवाह की सरिता हूँ मैं।
सबके हित जीती मैं औरत, सहचरी,श्रीमती,वनिता हूँ मैं।।
किसी का भी नहीं मैं दुश्मन, हर दुश्मन पर भारी हूँ मैं।
अबला कभी समझ मत लेना, ज्वाला हूँ,चिंगारी हूँ मैं।।
रण में हूँ मैं ,धन में हूँ मैं, कला,कौशल,विधान में मैं हूँ।
अभिनय,खेल,विज्ञान में हूँ मैं,तकनीकी अभियान में मैं हूँ।।
सम्पूर्ण जगत की जननी मैं हूँ, स्त्री हूँ मैं,न्यारी हूँ मैं।
अबला कभी समझ मत लेना, ज्वाला हूँ,चिंगारी हूँ मैं।।
मैं नारी हूँ, मैं शक्ति हूँ ,मैं देवी हूँ, अवतारी हूँ मैं।।
उमेश यादव
👉 उठो नारियों आगे आओ
सभी नारी शक्तियों को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
उठो नारियों आगे आओ
संस्कृति के उत्थान के लिए, उठो नारियों आगे आओ।
राष्ट्र धर्म को जागृत करने,नए सृजन का शंख बजाओ।।
भूल रहें हैं नीति धर्म सब,व्यसनों में हम फंसे हुए हैं।
दान पुण्य से दूर हो रहे, पाप पंक में धंसे हुए हैं।।
ममता,शुचिता,करुणामय हो,सब में प्रेम-भाव विकासाओ।
संस्कृति के उत्थान के लिए, उठो नारियों आगे आओ।।
संस्कारों से दूर हो रहे, मानवता को यूँ ही खो रहे।
जीर्ण-शीर्ण हो रही सभ्यता,भ्रम-रूढ़ियाँ अब भी ढो रहे।।
शक्ति हो,पहचानो खुद को,बढकर आगे शौर्य दिखाओ।
संस्कृति के उत्थान के लिए, उठो नारियों आगे आओ।।
महिला का अपमान हो रहा,कन्या का बलिदान हो रहा।
वनिता अब चीत्कार रही है,पशुता का सम्मान हो रहा।।
मातृ रूप में हे अम्बे तुम, स्नेह, प्यार, सहकार बढ़ाओ।
संस्कृति के उत्थान के लिए, उठो नारियों आगे आओ।।
जननी हो सम्पूर्ण जगत की,सब तेरे बालक बच्चे हैं।
इन्हें नीति सिखलाओ घर से,भटक गए तेरे बच्चे हैं।।
संस्कारों से इन्हें सुधारो,निर्दयी नहीं अब देव बनाओ।
संस्कृति के उत्थान के लिए, उठो नारियों आगे आओ।।
उमेश यादव
शुक्रवार, 5 मार्च 2021
👉 अपनी श्रद्धा को उर्वर एवं सार्थक बनने दें (अंतिम भाग)
👉 चिंतन के क्षण Chintan Ke Kshan 5 Mar 2021
गुरुवार, 4 मार्च 2021
👉 अपनी श्रद्धा को उर्वर एवं सार्थक बनने दें (भाग २)
👉 चिंतन के क्षण Chintan Ke Kshan 4 Mar 2021
मंगलवार, 2 मार्च 2021
👉 स्फटिक मणि सा बनाइये मन
👉 प्रेरणादायक प्रसंग 30 Sep 2024
All World Gayatri Pariwar Official Social Media Platform > 👉 शांतिकुंज हरिद्वार के प्रेरणादायक वीडियो देखने के लिए Youtube Channel `S...