शुक्रवार, 12 जनवरी 2024

👉 आत्मचिंतन के क्षण Aatmchintan Ke Kshan 12 Jan 2024

हम अपने आपको प्यार करें ताकि ईश्वर से प्यार कर सकने योग्य बन सकें। हम अपने कर्त्तव्यों का पालन करें ताकि ईश्वर के निकट बैठ सकने की पात्रता प्राप्त कर सकें। जिसने अपने अन्तःकरण को प्यार से ओत-प्रोत कर लिया, जिसके चिन्तन और कर्तृत्व में प्यार बिखरा पड़ा है ईश्वर का प्यार केवल उसी को मिलेगा, जो दीपक की तरह जलकर प्रकाश उत्पन्न करने को तैयार है, प्रभु की ज्योति का अवतरण उसी पर होगा।” 

आत्म विश्वास न हो तो व्यक्ति को पराधीनता की ही बात सूझती है। वह दूसरों के ही शिकंजे में कसा रहता है। कठपुतली की तरह जिस-तिस के इशारे पर नाचता रह सकता है। किन्तु जिन्हें अपनी शक्ति का ज्ञान है, अपने ऊपर भरोसा है, उन्हें दूसरों की चिन्ता नहीं करनी पड़ती। वे सहयोग दें या असहयोग करें, साथियों के साथ वह बंधा रहकर या तो उनको अनुकूल बना लेता है या अपने लिए दूसरा रास्ता बना लेता है।

लोगों की आँखों से हम दूर हो सकते हैं, पर हमारी आँखों से कोई दूर न होगा। जिनकी आँखों में हमारे प्रति स्नेह और हृदय में भावनाएँ हैं, उन सबकी तस्वीरें हम अपने कलेजे में छिपाकर ले जायेंगे और उन देव प्रतिमाओं पर निरन्तर आँसुओं का अध्र्य चढ़ाया करेंगे। कह नहीं सकते उऋण होने के लिए प्रत्युपकार का कुछ अवसर मिलेगा या नहीं, पर यदि मिला तो अपनी इन देवप्रतिमाओं को अलंकृत और सुसज्जित करने में कुछ उठा न रखेंगे। लोग हम भूल सकते हैं, पर हम अपने किसी स्नेही को नहीं भूलेंगे।      

✍🏻 पं श्रीराम शर्मा आचार्य

👉 महिमा गुणों की ही है

🔷 असुरों को जिताने का श्रेय उनकी दुष्टता या पाप-वृति को नहीं मिल सकता। उसने तो अन्तत: उन्हें विनाश के गर्त में ही गिराया और निन्दा के न...