🔷 अक्सर हम आवेश में आकर ऐसी प्रतिक्रिया दे देते हैं जो बाद में जाकर हमें दुःख देती है। कई बार परिवार के भीतर या कंपनी में ही हम अपने वरिष्ठों ये कनिष्ठों की बात को पूर्ण सुने बिना ही अपनी प्रतिक्रिया दे देते हैं। हम दूसरों में खोट, कपट, बेईमानी के लक्षण ढूँढते रहते हैं पर स्वयं की गलतियाँ मानने में हमारा ही अहं हमें रोकता है।
🔶 एक छोटी-सी कहानी है जिसके माध्यम से हम जान सकते हैं कि जल्दबाजी में प्रतिक्रिया देने का असर क्या होता है। कॉलेज में अच्छे नंबरों से पास होने के बाद एक युवा की अच्छी कंपनी में नौकरी लगती है। वह एक बहुत ही बड़े बिजनेसमैन का लड़का रहता है और कॉलेज में जाने से पूर्व से उसकी इच्छा रहती है कि उसके पास महँगी कार होना चाहिए।
🔷 अपने युवा पुत्र को उन्होंने यह वादा किया था कि अगर वह अच्छे नंबरों से पास हो जाता है और अपने बल पर नौकरी प्राप्त कर लेता है तब उसे वे कार जरूर लेकर देंगे। उस लड़के ने काफी दिनों से एक विशेष मॉडल की कार के सपने देखे थे और वह चाहता था कि पिता वही कार उसे दें।
🔶 पिता को भी यह बात पता थी। पास होने के बाद एक दिन पिता ने पुत्र को बुलाया। पुत्र समझ गया था कि आज उसे निश्चित रूप से कार मिलेगी। उसने अपने सभी साथियों से पहले ही कह दिया था कि सभी कार से लांग ड्राइव पर चलेंगे। वह पिता से मिलने जाता है। पिता उसे शाबासी देते हैं, साथ ही एक प्रेरक पुस्तक बक्से में रखकर देते हैं और कहते हैं कि बेटा तुम पास हो गए हो और अब आगे की जिंदगी बड़ी कठिनाई भरी होगी इस कारण तुम इस किताब को जरूर पढ़ो।
🔷 कार के सपनों में खोया युवा साथी किताब की बात सुनकर ही भड़क जाता है और उस बक्से को फेंक देता है और वहाँ से बाहर आ जाता है। वह काफी मायूस होता है कि क्या सोचा था और क्या हो गया? उसके मन में ऐसे विचार आने लगते हैं कि क्यों न घर ही छोड़ दे? काफी विचार करने के बाद वह नौकरी करने दूसरे शहर चले जाता है और पिता के काफी संपर्क करने के बाद भी वापस नहीं आता।
🔶 कई वर्षों तक वह पिता से संपर्क हीं नहीं करता। एक दिन उसके पास खबर आती है कि पिता की मृत्यु हो गई है। अपनी पत्नी के कहने पर वह पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने जाता है। अंतिम संस्कार के बाद वह पिता के कमरे में जाता है जहाँ पर वहीं बक्सा रखा होता है जिसमें किताब रहती है।
🔷 वह उस बक्से को उठाता है और किताब के पन्ने पलटता है तब उसमें से चाबी गिरती है। यह उसी कार की चाबी होती है जो उसके पिता ने वर्षों पूर्व खरीदी रहती है और यह वही कार होती है जिसके सपने वह देखा करता था। साथ ही किताब के नीचे कुछ कागजात रहते हैं जिनमें संपूर्ण संपत्ति व जायदाद उसके नाम की होती है। यह देखकर युवा लड़के की आँखों से आँसू निकल पड़ते हैं और वह स्वयं से ही कहने लगता है कि मैं अपने आपको कभी माफ नहीं कर पाऊँगा।
🔶 एक छोटी-सी कहानी है जिसके माध्यम से हम जान सकते हैं कि जल्दबाजी में प्रतिक्रिया देने का असर क्या होता है। कॉलेज में अच्छे नंबरों से पास होने के बाद एक युवा की अच्छी कंपनी में नौकरी लगती है। वह एक बहुत ही बड़े बिजनेसमैन का लड़का रहता है और कॉलेज में जाने से पूर्व से उसकी इच्छा रहती है कि उसके पास महँगी कार होना चाहिए।
🔷 अपने युवा पुत्र को उन्होंने यह वादा किया था कि अगर वह अच्छे नंबरों से पास हो जाता है और अपने बल पर नौकरी प्राप्त कर लेता है तब उसे वे कार जरूर लेकर देंगे। उस लड़के ने काफी दिनों से एक विशेष मॉडल की कार के सपने देखे थे और वह चाहता था कि पिता वही कार उसे दें।
🔶 पिता को भी यह बात पता थी। पास होने के बाद एक दिन पिता ने पुत्र को बुलाया। पुत्र समझ गया था कि आज उसे निश्चित रूप से कार मिलेगी। उसने अपने सभी साथियों से पहले ही कह दिया था कि सभी कार से लांग ड्राइव पर चलेंगे। वह पिता से मिलने जाता है। पिता उसे शाबासी देते हैं, साथ ही एक प्रेरक पुस्तक बक्से में रखकर देते हैं और कहते हैं कि बेटा तुम पास हो गए हो और अब आगे की जिंदगी बड़ी कठिनाई भरी होगी इस कारण तुम इस किताब को जरूर पढ़ो।
🔷 कार के सपनों में खोया युवा साथी किताब की बात सुनकर ही भड़क जाता है और उस बक्से को फेंक देता है और वहाँ से बाहर आ जाता है। वह काफी मायूस होता है कि क्या सोचा था और क्या हो गया? उसके मन में ऐसे विचार आने लगते हैं कि क्यों न घर ही छोड़ दे? काफी विचार करने के बाद वह नौकरी करने दूसरे शहर चले जाता है और पिता के काफी संपर्क करने के बाद भी वापस नहीं आता।
🔶 कई वर्षों तक वह पिता से संपर्क हीं नहीं करता। एक दिन उसके पास खबर आती है कि पिता की मृत्यु हो गई है। अपनी पत्नी के कहने पर वह पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने जाता है। अंतिम संस्कार के बाद वह पिता के कमरे में जाता है जहाँ पर वहीं बक्सा रखा होता है जिसमें किताब रहती है।
🔷 वह उस बक्से को उठाता है और किताब के पन्ने पलटता है तब उसमें से चाबी गिरती है। यह उसी कार की चाबी होती है जो उसके पिता ने वर्षों पूर्व खरीदी रहती है और यह वही कार होती है जिसके सपने वह देखा करता था। साथ ही किताब के नीचे कुछ कागजात रहते हैं जिनमें संपूर्ण संपत्ति व जायदाद उसके नाम की होती है। यह देखकर युवा लड़के की आँखों से आँसू निकल पड़ते हैं और वह स्वयं से ही कहने लगता है कि मैं अपने आपको कभी माफ नहीं कर पाऊँगा।