गुरुवार, 29 जून 2017

👉 प्रेरणादायक प्रसंग 29 June 2017



👉 आज का सद्चिंतन 29 June 2017


👉 अभिलाषा इतनी भर है:—

🔵 देवत्व परास्त हो जाय, धर्म हार जाय, विवेक कराहता रहे, चिर-संचित मानव-सभ्यता को निर्बल कर दिया जाय, यह नहीं होने दिया जायेगा। लड़ाई जारी रखी जायेगी, दुनिया के योद्धा, नेता, धनी, बुद्धिमान्, विद्वान साथ न दें तो निराश न बैठा जायेगा। रीछ-वानरों को-अपने नगण्य स्तर के परिजनों को लेकर अखण्ड-ज्योति आगे आयेगी, और सोने की लंका में साधन सम्पन्न-कुम्भकरणों, मेघनाथों, रावणों को ललकारेगी। विजय दूर हो तो हर्ज नहीं। आगे बढ़ना और लड़ना अपना काम है, सो उसे बिना राई-रत्ती हिचकिचाहट लाये, दिन-दूने-रात चौगुने उत्साह के साथ जारी रखा जायेगा।

🔴 अभिलाषा इतनी भर है कि अपने परिवार से जो आशायें रखी गई हैं, उन्हें कल्पना मात्र सिद्ध न होना पड़े। अखण्ड-ज्योति परिजन अपना उत्साह खो न बैठें और जब त्याग, बलिदान की घड़ी आवे, तब अपने को खोटा सिक्का सिद्ध न करने लगें। मनुष्य की महानता उसकी उन सत्प्रवृत्तियों की चरितार्थ करने में है, जिनसे दूसरों को प्रकाश मिले। जिसमें ऐसा कुछ नहीं- जो उदरपूर्ण और प्रजनन प्रक्रियाओं तक सीमाबद्ध है, उसे नर-पशु ही कहा जा सकता है। हम नहीं चाहते कि हमारे बड़ी आशाओं के साथ संजोये हुए सपनों की प्रतिमूर्ति- परिजन उसी स्तर के चित्र हों, जिसका कि घर-घर में कूड़ा-कटकर भरा पड़ा है।

🔵 इस महत्वपूर्ण वेला में जो अपने कर्त्तव्यों का स्मरण रख सकें और जो उसके लिये वासना और तृष्णा को एक सीमा में नियन्त्रित रखकर कुछ अवसर अवकाश युग की पुकार- ईश्वरीय पुकार को सुनने, समझने और तद्नुसार आचरण करने में लग सकें, वे ही हमारी आशाओं के केन्द्र हो सकते हैं। उन साथी, सहचरों, में हम आगे बढ़ते और निर्धारित मोर्चों पर लड़ते हुए आगे बढ़ेंगे।

🌹 पं श्रीराम आचार्य
🌹 अखण्ड ज्योति, दिसम्बर 1966, पृष्ठ 65
http://literature.awgp.org/hindi/akhandjyoti/1968/December/v1.65

👉 प्रेरणादायक प्रसंग 30 Sep 2024

All World Gayatri Pariwar Official  Social Media Platform > 👉 शांतिकुंज हरिद्वार के प्रेरणादायक वीडियो देखने के लिए Youtube Channel `S...