आधुनिक टेलीविजन--
टेलीविजन पर जितने भी विज्ञापन आते है सबका एक ही उद्देश्य है लड़की . . . .
सेहत कुछ नही, संस्कार कुछ नही, देश का विकास नही , भ्रष्टाचार से कोई मतलब नही, बलात्कार से मतलब नही केवल और केवल लड़की को अपने जाल मे फंसाओ।
कुछ उदाहरण है:-
1 spirit पियो लड़की पटाओ
2 Raymond's या या कोई सा भी सूट पहनो लड़की पटाने के लिए
3 कोलगेट करो तो लड़की पटती है
4 क्लोजअप करो लड़की आर्कषित होती है
5 हिरो पैशन चलाओ तो लड़की कार छोड़ मोटर साइकिल पर आ जाती है
6 फेयर एंड हैडसम का एक ही फायदा लड़की ठीक यही फायदा फेयर एंड लवली का है लड़का पटाओ
7 स्कुटी चलाओ तो लड़के से आगे निकल जाओ
8 यहाँ तक गंजी तथा छोटे कपड़े पहनो तो भी लड़की
9 पाउडर, क्रिम या शेन्ट या डिओ सब का एक ही मकसद लड़की या लड़का
10 जिलेट ब्लेड से ढाड़ी बनाओ तो वहा भी लड़की सेहत और पैसे का कोई महत्व नही मतलब इन सब चीजो से कोई फायदा नही, देश का विकास नही।
बच्चों को रखे टीवी से दूर...
इन कामो मे सबसे ज्यादा विदेशी कम्पनियाँ है ये भारत के अरबो रुपये लूट कर अपने देश की अर्थव्यवस्था को कमजोर कर रही है और हमे महँगाई, बेरोजगारी के दलदल मे ढकेल रही है। जनता इस काम मे साथ दे रहे है। आप से यह निवेदन टीवी, देख कर न चले, समान न खरिदे। अपनी बुद्धि का प्रयोग करे और जरूरतानुसार खरीदारी करे। केवल स्वदेशी वस्तुओ का प्रयोग करे। अगर वह किसी गरीब का कुटीर उद्धोग हो तो और भी अच्छा, आप का पैसा किसी गरीब के पास जायेगा,उसका विकास होगा और आप का सेहत और पैसा दोनो बचेगा। अगर आप को क्वालीटी की चिन्ता है तो आप को बता दू इन विदेशीयो मे कोई गुण नही है,अगर आप इनका गहरा अध्धयन करो ये आप को पता चलेगा, ये सिर्फ हमे बेवकुफ बनाती है।
टेलिविजन नही यह इडियट बॉक्स है, और इस इडियट़ बॉक्स ने हमारे देश की युवा पिढ़ी के विचारो को पोलियो ग्रस्त कर दिया है।
टीवी पर दिखाये गये एड़, टीवी सीरियल, न्यूज़ चैनल, वेबसाइट्स, फ़िल्मे, में नारी को मन बहलाने की चीज की तरह दिखाया जाता है।
यकीन मानिये जिस दिन इस देश से माँतृ शक्ती विलुप्त हो गई उस दिन यह धरती वीरो, महाबलीयो, शूरवीरो, योद्धाओ, बुद्धजीवियों से शून्य हो जायेगी तब देश में केवल .... ही पैदा होंगे जो कुछ तो विपक्ष में, फिल्मो और JNU जैसे कॉलेजो में आसानी से मिल जायेंगे और इनकी आने वाली नस्ल तो...
क्या हम माँतृ शक्ती को पुनः सम्मान दिला सकते है?
टेलीविजन पर जितने भी विज्ञापन आते है सबका एक ही उद्देश्य है लड़की . . . .
सेहत कुछ नही, संस्कार कुछ नही, देश का विकास नही , भ्रष्टाचार से कोई मतलब नही, बलात्कार से मतलब नही केवल और केवल लड़की को अपने जाल मे फंसाओ।
कुछ उदाहरण है:-
1 spirit पियो लड़की पटाओ
2 Raymond's या या कोई सा भी सूट पहनो लड़की पटाने के लिए
3 कोलगेट करो तो लड़की पटती है
4 क्लोजअप करो लड़की आर्कषित होती है
5 हिरो पैशन चलाओ तो लड़की कार छोड़ मोटर साइकिल पर आ जाती है
6 फेयर एंड हैडसम का एक ही फायदा लड़की ठीक यही फायदा फेयर एंड लवली का है लड़का पटाओ
7 स्कुटी चलाओ तो लड़के से आगे निकल जाओ
8 यहाँ तक गंजी तथा छोटे कपड़े पहनो तो भी लड़की
9 पाउडर, क्रिम या शेन्ट या डिओ सब का एक ही मकसद लड़की या लड़का
10 जिलेट ब्लेड से ढाड़ी बनाओ तो वहा भी लड़की सेहत और पैसे का कोई महत्व नही मतलब इन सब चीजो से कोई फायदा नही, देश का विकास नही।
बच्चों को रखे टीवी से दूर...
इन कामो मे सबसे ज्यादा विदेशी कम्पनियाँ है ये भारत के अरबो रुपये लूट कर अपने देश की अर्थव्यवस्था को कमजोर कर रही है और हमे महँगाई, बेरोजगारी के दलदल मे ढकेल रही है। जनता इस काम मे साथ दे रहे है। आप से यह निवेदन टीवी, देख कर न चले, समान न खरिदे। अपनी बुद्धि का प्रयोग करे और जरूरतानुसार खरीदारी करे। केवल स्वदेशी वस्तुओ का प्रयोग करे। अगर वह किसी गरीब का कुटीर उद्धोग हो तो और भी अच्छा, आप का पैसा किसी गरीब के पास जायेगा,उसका विकास होगा और आप का सेहत और पैसा दोनो बचेगा। अगर आप को क्वालीटी की चिन्ता है तो आप को बता दू इन विदेशीयो मे कोई गुण नही है,अगर आप इनका गहरा अध्धयन करो ये आप को पता चलेगा, ये सिर्फ हमे बेवकुफ बनाती है।
टेलिविजन नही यह इडियट बॉक्स है, और इस इडियट़ बॉक्स ने हमारे देश की युवा पिढ़ी के विचारो को पोलियो ग्रस्त कर दिया है।
टीवी पर दिखाये गये एड़, टीवी सीरियल, न्यूज़ चैनल, वेबसाइट्स, फ़िल्मे, में नारी को मन बहलाने की चीज की तरह दिखाया जाता है।
यकीन मानिये जिस दिन इस देश से माँतृ शक्ती विलुप्त हो गई उस दिन यह धरती वीरो, महाबलीयो, शूरवीरो, योद्धाओ, बुद्धजीवियों से शून्य हो जायेगी तब देश में केवल .... ही पैदा होंगे जो कुछ तो विपक्ष में, फिल्मो और JNU जैसे कॉलेजो में आसानी से मिल जायेंगे और इनकी आने वाली नस्ल तो...
क्या हम माँतृ शक्ती को पुनः सम्मान दिला सकते है?