🔷 मित्रो ! आप भगवान के अनुग्रह तक पहुँच सकते हैं और भगवान का अनुग्रह एवं जीवन-लक्ष्य प्राप्त करने वालों ने जिंदगी के जो आनंद उठाए हैं, वे उठा सकते हैं। शर्त यही है कि आप अपनी उपासना को भजन से आरंभ तो करें, पर उसे वहीं तक सीमित न करें। उसके साथ-साथ में जीवन की साधना, स्वाध्याय, विचारों का परिमार्जन, संयम, अपनी जिंदगी के छिद्रों का निराकरण और सेवा, इनको आप मिला दीजिए, फिर देखिए कि आपकी उपासना फलित होती है कि नहीं?
🔶 आप सिद्धपुरुष बनते हैं कि नहीं? आप चमत्कृत होते हैं कि नहीं? भगवान आपके घर में सेवा-सहायता करने के लिए आते हैं कि नहीं? ऐसी है साधना, जिसको मैंने किया। मैं चाहता हूँ कि आपमें से हरेक आदमी को उसी तरीके से साधना करनी चाहिए जो कि सफल होती है और होती रहेगी।
✍🏻 पं श्रीराम शर्मा आचार्य
🔶 आप सिद्धपुरुष बनते हैं कि नहीं? आप चमत्कृत होते हैं कि नहीं? भगवान आपके घर में सेवा-सहायता करने के लिए आते हैं कि नहीं? ऐसी है साधना, जिसको मैंने किया। मैं चाहता हूँ कि आपमें से हरेक आदमी को उसी तरीके से साधना करनी चाहिए जो कि सफल होती है और होती रहेगी।
✍🏻 पं श्रीराम शर्मा आचार्य