शनिवार, 12 मार्च 2016

खिलौनों ने अध्यात्म का सत्यानाश कर दिया (भाग 3)

मित्रों! ऐसी महत्त्वपूर्ण शक्ति, चमत्कारों की देवी, ज्ञान की देवी, विज्ञान की देवी, सामर्थ्य की देवी गायत्री माता, जिसका कि हम इन शिविरों में अनुष्ठान करने के लिए बुलाएँ, पर क्या करें आप तो हमें कई तरह से परेशान कर देते हैं, हैरान कर देते हैं। हमारा मानसिक संतुलन खराब कर देते हैं। आप तो शांतिकुञ्ज को धर्मशाला बना देते हैं।

आप तो इसको अन्नक्षेत्र बना देते हैं और बेटे! उन लोगों को लेकर चले आते हैं, जिनका कि इस अध्यात्म से कोई संबंध नहीं है; उपासना से कोई संबंध नहीं है; अनुष्ठान से कोई संबंध नहीं है; आप भीड़ लाकर खड़ी कर देते हैं और हमारा अनुशासन बिगाड़ देते हैं। भीड़ पग- पग पर हमको हैरान करती है और पग- पग पर अवज्ञा करती है। एक के स्थान पर पाँच लोग आ जाते हैं।

कल एक व्यक्ति आया और बोला- साहब! हम अनुष्ठान नहीं कर सकते। हम तो अपनी औरत की वजह से यहाँ आए हैं, जो यह कहती है कि हमारे बाल- बच्चे नहीं होते हैं। हम तो इसी कारण से आए हैं, अन्यथा किसी अनुष्ठान से हमारा कोई ताल्लुक नहीं है और हम कोई अनुष्ठान नहीं करेंगे। नहीं करेंगे, बेटे! ऐसा कर कि तेरी औरत के अगर बच्चा होने वाला होगा तो वहाँ धर्मशाला में ही हो जाएगा और अगर न होना होगा तो यहाँ भी नहीं हो सकता। तू कल ले जा। कल मैंने उसे भगा दिया।

मित्रो! मैं चाहता था कि संस्था का स्तर अच्छा बना रहता और अनुष्ठानों का स्तर अच्छा गना रहता, पर मैं क्या कर सकता हूँ। मैंने आपको निमंत्रणपत्र इसलिए भेजे थे कि आप क्वालिटी के आदमी कहीं न कहीं से ढूँढ़कर लाएँगे, जिनकी मुझे बहुत जरूरत है। लोग फार्म भर करके मंजूरी मँगा लेते हैं, लेकिन उससे क्वालिटी के आदमी नीं आ पाते। क्वालिटी के आदमी न आने से मुझे बड़ा क्लेश होता है। मैं किसे समझाऊँ, क्यों समझाऊँ और क्या समझाऊँ?

क्रमशः जारी
पं श्रीराम शर्मा आचार्य
http://hindi.awgp.org/gayatri/AWGP_Offers/Literature_Life_Transforming/Pravachaan/prachaavachanpart5/kihloneneaadhiyatmka

कोई टिप्पणी नहीं:

👉 प्रेरणादायक प्रसंग 4 Jan 2025

👉 शांतिकुंज हरिद्वार के Youtube Channel `Shantikunj Rishi Chintan` को आज ही Subscribe करें।  ➡️    https://bit.ly/2KISkiz   👉 शान्तिकुं...