सोमवार, 18 अप्रैल 2016

जवान पिता बूढ़े हो जाते हैं..

 
हर साल सर के बाल कम हो जाते हैं

बचे बालों में और भी चांदी पाते  हैं 

चेहरे पे झुर्रियां बढ़ जाती हैं

रीसेंट पासपोर्ट साइज़ फोटो में कितना अलग नज़र आते हैं

"कहाँ पहले जैसी बात" कहते जाते हैं

देखते ही देखते, जवान पिताजी बूढ़े हो जाते हैं.....


सुबह की सैर में चक्कर खा जाते हैं

मौहल्ले को पता पर हमसे छुपाते हैं 

प्रतिदिन अपनी खुराक घटाते हैं 

तबियत ठीक है, फ़ोन पे बताते हैं

ढीली पतलून को टाइट करवाते हैं

देखते ही देखते, जवान पिताजी बूढ़े हो जाते हैं....


किसी का देहांत सुन घबराते हैं

और परहेजो की संख्यां बढ़ाते हैं 

हमारे मोटापे पे, हिदायतों के ढेर लगाते हैं

तंदुरुस्ती हज़ार नियामत, हर दफे  बताते हैं

"रोज की वर्जिश" के फायदे गिनाते हैं

देखते ही देखते जवान पिताजी बूढ़े हो जाते हैं....


हर साल शौक से बैंक जाते हैं

अपने जिन्दा होने का सबूत दे कितना हर्षाते है 

जरा सी बड़ी पेंशन पर फूले नहीं समाते हैं

एक नई  "मियादी जमा" करके आते हैं

अपने लिए नहीं, हमारे लिए ही बचाते हैं 

देखते ही देखते जवान पिताजी बूढ़े हो जाते हैं....

चीज़े रख कर अब अक्सर भूल जाते हैं

उन्हें  ढूँढने में सारा घर सर पे उठाते हैं

और मां को पहले की ही तरह हड़काते हैं

पर उससे अलग भी नहीं रह पाते हैं

एक ही किस्से को कितनी बार दोहराते हैं

देखते ही देखते जवान पिताजी बूढ़े हो जाते हैं....


चश्मे से भी अब
ठीक से नहीं देख पाते हैं

ब्लड प्रेशर की दवा लेने में
आनाकानी मचाते हैं

एलोपैथी के साइड इफ़ेक्ट बताते हैं

योग और आयुर्वेद की ही रट लगाते हैं

अपने ऑपरेशन को और आगे टलवाते हैं

देखते ही देखते जवान पिताजी बूढ़े हो जाते हैं....


उड़द की दाल अब नहीं पचा पाते हैं

लौकी, तुरई और धुली मूंग ही अधिकतर खाते हैं

दांतों में अटके खाने को  तिल्ली से खुजलाते हैं

पर डेंटिस्ट के पास कभी नहीं जाते  हैं

काम चल तो रहा है की ही धुन लगाते हैं

देखते ही देखते जवान पिताजी बूढ़े हो जाते हैं....


हर त्यौहार पर हमारे आने की बाट जोहते जाते हैं
अपने पुराने घर को नई दुल्हन सा चमकाते हैं
हमारी पसंदीदा चीजों के ढेर लगाते हैं

हर  छोटे-बड़ी  फरमाईश पूरी करने  के लिए
फ़ौरन ही बाजार दौडे चले जाते हैं

पोते-पोतियों से मिल कितने आंसू टपकाते हैं
देखते ही देखते जवान पिताजी बूढ़े हो जाते हैं....

हर पिता को समर्पितं ..... सादर 🙏 🙏

7 टिप्‍पणियां:

ashok sood ने कहा…

बहुत बहुत सुन्दर।

Unknown ने कहा…

उत्तम विचार ओर अनुकरणीय भी

Unknown ने कहा…

heart touching poem.

ckaamit ने कहा…

heart touching and emotional

Unknown ने कहा…

dil ko chune wali lines h

Unknown ने कहा…

really its a very inspirational n valuable content . our parents always sacrifices us in each n every sphere of life . But we r so insane n stupid we never realize that

Unknown ने कहा…

Its reality of LIFE. We LOVE our parents.

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