मंगलवार, 7 जून 2016

महाराणा प्रताप जयंती की हार्दिक शुभकामनायें

 
🔴 राणा प्रताप इस भरत भूमि के, मुक्ति मंत्र का गायक है।
    राणा प्रताप आज़ादी का, अपराजित काल विधायक है।।


🔵 वह अजर अमरता का गौरव, वह मानवता का विजय तूर्य।
    आदर्शों के दुर्गम पथ को, आलोकित करता हुआ सूर्य।।


🔴 राणा प्रताप की खुद्दारी, भारत माता की पूंजी है।
    ये वो धरती है जहां कभी, चेतक की टापें गूंजी है।।


🔵 पत्थर-पत्थर में जागा था, विक्रमी तेज़ बलिदानी का।
    जय एकलिंग का ज्वार जगा, जागा था खड्ग भवानी का।।


🔴 लासानी वतन परस्ती का, वह वीर धधकता शोला था।
    हल्दीघाटी का महासमर, मज़हब से बढकर बोला था।।


🔵 राणा प्रताप की कर्मशक्ति, गंगा का पावन नीर हुई।
    राणा प्रताप की देशभक्ति, पत्थर की अमिट लकीर हुई।।


🔴 समराँगण में अरियों तक से, इस योद्धा ने छल नहीं किया।
    सम्मान बेचकर जीवन का, कोई सपना हल नहीं किया।।


🔵 मिट्टी पर मिटने वालों ने, अब तक जिसका अनुगमन किया।
    राणा प्रताप के भाले को, हिमगिरि ने झुककर नमन किया।।


🔴 प्रण की गरिमा का सूत्रधार, आसिन्धु धरा सत्कार हुआ।
    राणा प्रताप का भारत की, धरती पर जयजयकार हुआ।।
 




 

1 टिप्पणी:

Unknown ने कहा…

इतिहास में सैकड़ो योद्धा भरे पड़े है जिन्होंने खुद के बल पर हिंदुस्तान और हिन्दुस्तानियों के मान की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए बदले में आज हम क्या दे रहे है, NJU या कन्हैया जैसे युवा. वाकई हम अपने संस्कृति को अपने ही हाथो मिटा रहे है. ख़ुशी है इस बात की सदियों बाद हमें ऐसा प्रधानमंत्री मिला है जो सिर्फ और सिर्फ हिंदुस्तान के लिए ही सोचता है. आपकी लेखनी सोये हुए हिन्दुस्तानी शेरों को निश्चित रूप से झकझोरेगा. जय हिन्द जय हिन्द की सेना

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