🔶 गई गुजरी स्थिति में पड़े हुए लोग जब ऊँची सफलताओं के सपने देखते हैं तो स्थिति और लक्ष्य के बीच भारी अन्तर होने से लगता है कि इतनी चौड़ी खाई पाटी न जा सकेगी, किन्तु अनुभव से यह देखा गया है कि कठिनाई उतनी बड़ी थी नहीं जितनी कि समझी गई थी। धीमी किन्तु अनवरत चाल से चलने वाली चींटी भी पहाड़ों के पार चली जाती है, फिर धैर्य, साहस, लगन, मनोयोग और विश्वास के साथ कठोर पुरुषार्थ में संलग्न व्यक्ति को प्रगति की मंजिलें पार करते चलने से कौन रोक सकेगा?
🔷 ज्ञानयोग की साधना यह है कि मस्तिष्कीय गतिविधियों पर-विचारधाराओं पर विवेक का आधिपत्य स्थापित किया जाय। मस्तिष्क को चाहे जो कुछ सोचने की छूट न हो, चाहे जिस स्तर की चिन्तन प्रक्रिया अपनाने न दी जाय। मात्र औचित्य ही चिंतन का आधार हो सकता है, यह निर्देश मस्तिष्क को लाख बार समझाया जाय और उसे सहमत अथवा बाध्य किया जाय कि इसके अतिरिक्त उसे और किसी अनुपयुक्त प्रवाह में बह चलने की छूट न मिल सकेगी।
🔶 असत्य से किसी प्रकार के लाभ, सुख अथवा संतोष की आशा करना मृगतृष्णा में भटकने के समान है। असत्य से व्यक्ति, समाज और राष्ट्र किसी का भी हित नहीं होता। असत्य आत्मिक और भौतिक दोनों प्रकार का दोष है। इससे आत्मा का पतन होता है और समाज में विघटन। असत्यवाद के स्वभाव को बलपूर्वक त्याग देने में ही कल्याण है। सत्य का आश्रय ईश्वर का आश्रय है। इसको स्वीकार कर चलने वाला व्यक्ति जीवन में न तो कभी अशान्त होता है और न अपमानित।
🔷 ज्ञानयोग की साधना यह है कि मस्तिष्कीय गतिविधियों पर-विचारधाराओं पर विवेक का आधिपत्य स्थापित किया जाय। मस्तिष्क को चाहे जो कुछ सोचने की छूट न हो, चाहे जिस स्तर की चिन्तन प्रक्रिया अपनाने न दी जाय। मात्र औचित्य ही चिंतन का आधार हो सकता है, यह निर्देश मस्तिष्क को लाख बार समझाया जाय और उसे सहमत अथवा बाध्य किया जाय कि इसके अतिरिक्त उसे और किसी अनुपयुक्त प्रवाह में बह चलने की छूट न मिल सकेगी।
🔶 असत्य से किसी प्रकार के लाभ, सुख अथवा संतोष की आशा करना मृगतृष्णा में भटकने के समान है। असत्य से व्यक्ति, समाज और राष्ट्र किसी का भी हित नहीं होता। असत्य आत्मिक और भौतिक दोनों प्रकार का दोष है। इससे आत्मा का पतन होता है और समाज में विघटन। असत्यवाद के स्वभाव को बलपूर्वक त्याग देने में ही कल्याण है। सत्य का आश्रय ईश्वर का आश्रय है। इसको स्वीकार कर चलने वाला व्यक्ति जीवन में न तो कभी अशान्त होता है और न अपमानित।
✍🏻 पं श्रीराम शर्मा आचार्य
All World Gayatri Pariwar Official Social Media Platform
Shantikunj WhatsApp
8439014110
Official Facebook Page
Official Twitter
Official Instagram
Youtube Channel Rishi Chintan
Youtube Channel Shantikunjvideo