सोमवार, 8 फ़रवरी 2021

Gita Sutra No 6 गीता सूत्र नं० 6

👉 गीता के ये नौ सूत्र याद रखें, जीवन में कभी असफलता नहीं मिलेगी

श्लोक-
यद्यदाचरति श्रेष्ठस्तत्तदेवेतरो जन:।स यत्प्रमाणं कुरुते लोकस्तदनुवर्तते।

अर्थ-  
श्रेष्ठ पुरुष जैसा आचरण करते हैं, सामान्य पुरुष भी वैसा ही आचरण करने लगते हैं। श्रेष्ठ पुरुष जिस कर्म को करता है, उसी को आदर्श मानकर लोग उसका अनुसरण करते हैं।

सूत्र-
यहां भगवान श्रीकृष्ण ने बताया है कि श्रेष्ठ पुरुष को सदैव अपने पद व गरिमा के अनुसार ही व्यवहार करना चाहिए, क्योंकि वह जिस प्रकार का व्यवहार करेगा, सामान्य मनुष्य भी उसी की नकल करेंगे। जो कार्य श्रेष्ठ पुरुष करेगा, सामान्यजन उसी को अपना आदर्श मानेंगे। उदाहरण के तौर पर अगर किसी संस्थान में उच्च अधिकार पूरी मेहनत और निष्ठा से काम करते हैं तो वहां के दूसरे कर्मचारी भी वैसे ही काम करेंगे, लेकिन अगर उच्च अधिकारी काम को टालने लगेंगे तो कर्मचारी उनसे भी ज्यादा आलसी हो जाएंगे।

👉 महिमा गुणों की ही है

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